3 Branches of philosophy | दर्शनशास्त्र की 3 शाखाएं

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आज इस पोस्ट के माध्यम से जानेगे branches of pholosophy के बारे मे, क्या आपने कभी सोचा है कि वाकई में ईश्वर का अस्तित्व है भी या नहीं? क्या जीवन का कोई उद्देश्य है? क्या सौंदर्यता देखने वालो के नजरियों में होती है? जो भी हम काम करते हैं वो सही है या गलत ये कैसे निर्धारित  होता है? अगर आप ये  सब सोचते हैं तो आप Philosophy (दर्शन) के बारे में सोच रहे हैं। आइये इसे हम और विस्तार से जानते है ताकि इसे समझने मे हमारे लिए और भी आसान हो जाए।  Philosophy को 3 branch में बांटा गया है और हम उन्ही 3 Branches of philosophy दर्शनशास्त्र की 3 शाखाएं के बारे में जानेंगे। 

3 branches of philosophy

 3 Branches of philosophy | दर्शनशास्त्र की शाखाएं

3 Branches of philosophy के बारे में जानने से पहले हम  philosophy को समझने की कोशिश करेंगे कि  Philosophy वास्तव में होती क्या है  यह हम एक परिभाषा के माध्यम से समझेंगे  philosophy definition दर्शनशास्त्र की सबसे सामान्य परिभाषा यह है कि “यह ज्ञान (सत्य और ज्ञान) की खोज है” Philosophy for life in Hindi / Philosophy और life

दर्शनशास्त्र मौलिक प्रश्नों से संबंधित है! लेकिन कौन से प्रश्न विशेष रूप से दर्शनशास्त्र के बारे में है यह एक मानक वर्गीकरण है! दार्शनिक आमतौर पर ऐसे प्रश्नों पर विचार करते हैं जो! व्यापक और अधिक मौलिक होते हैं। दोस्तो चलिये अब हम समझते है 3 Branches of philosophy को –

 3 Branches of philosophy | Types of philosophy

Philosophy को  3  Branches of philosophy में बांटा गया है –

3 Branches of philosophy1.  Metaphysics (nature of reality)  तत्वमीमांसा

 Metaphysics में हम  reality की बात करते हैं  कि ईश्वर है या नहीं और अगर है तो इस बात को साबित कैसे करेंगे दुनिया में या किसी भी इंसान के साथ जो कुछ भी घटता है वो अपने आप घटता है या इसका control किसी और के पास है।  Metaphysics शब्द का सबसे पहले  इस्तेमाल (Andronicus) एंड्रोनिकस ने किया था और यह वही व्यक्ति है जो अरस्तू के ग्रंथो के संपादक थे। Andronicus ने अरस्तू के कुछ दार्शनिक लेखो को Metaphysics के नाम से एक अलग स्थान प्रदान किए थे।

Definition – Metaphysics  तत्वमीमांसा एक ग्रीक शब्द है जिसमें   meta का अर्थ है (परे, पार, पर या बाद में) और Physika का अर्थ है physics (प्रकृति)। इसी तरह metaphysics का मतलब होता है “प्रकृति से परे”  metaphysics में ऐसे सवाल पूछे जाते हैं जैसे किवास्तविक क्या है?  what is real? क्या मौजूद है?  What exists?

Types of Metaphysics

 Metaphysics को कई भागों में विभाजित किया गया है जो इस प्रकार है –

Ontology (सत्ता शास्त्र)

Ontology में अस्तित्व और वास्तविकता के concept पर study की जाती है! कि वह मूल श्रेणियों से संबंधित है! Ontology शब्द का सबसे पहले प्रयोग जर्मन दार्शनिक C. Wolff ने किया था। Ontology जिसका अर्थ सत्ता शास्त्र है इसमे सत्ता का तात्पर्य परम सत्ता (Ultimate reality) से है और  Metaphysics के लिए कुछ विद्वान Ontology शब्द का ही प्रयोग करते है। 

Cosmology  (ब्रह्मांड विज्ञान)

Cosmology में हम study करते हैं ब्रह्मांड के बारे में, ब्रह्मांड में क्या contents हैं? क्या history है? Universe की उत्पत्ति, उसका स्वरूप और विकास आदि जैसे विषयो से संबन्धित बात की जाती है। 

Cosmogony ( विश्वोत्पतिवाद

Cosmogony में study किया जाता है कि ब्रह्मांड की शुरुआत कैसे हुआ और आगे भविष्य में क्या होने की संभावनाएं हैं। 

Eschatology ( परलोक विद्या)

Eschatology मे Study किया जाता है कि Death क्या है? Judgement क्या होती है? और final destiny क्या है? soul क्या है? किसी के मरने के बाद आत्मा का क्या होता है।  Eschatology एक Part है Theology का। 

Theology (धर्मशास्त्र )

Theology की Study करने वाले लोग ईश्वर को पूरी तरह से मानते हैं और उनका belief होता है कि ईश्वर इस दुनिया मैं मौजूद है। Theology शब्द theo और logos से मिलकर बना है! यहाँ पर theo का मतलब ईश्वर(God) है और logos का मतलब विज्ञान (Science) या अध्ययन (Study) है। इसी तरह Theology का मतलब होता है (Study of God) (Science of God).

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2.  Epistemology (Theory of Knowledge) ज्ञान मीमांसा

Epistemology में हम बात करते हैं ज्ञान की ‘What is knowledge’ ज्ञान क्या है? ज्ञान के स्रोत क्या है? सत्य क्या है? और हम यह कैसे जान सकते हैं कि कोई कथन सत्य है या नहीं? विश्वास और राय क्या है? इनमें क्या फर्क है? Epistemology को “प्रमाण मीमांसा” भी कहा जाता है। जिसमे सत्य ज्ञान को ‘प्रमा’ कहते है और जिसके माध्यम से सही ज्ञान पैदा होता है उसे ‘प्रमाण’ कहते है। 

Definition- Episteme का मतलब होता है  knowledge और logos का मतलब होता है  study जिसका अर्थ है  “ज्ञान का अध्ययन करनाइसके अलावा हम Study करते हैं प्रकृति स्रोत ज्ञान की और इस पर भी ध्यान दिया जाता है कि इनकी बैधता  है या नहीं इसमें ऐसे प्रश्न पूछे जाते हैं कि क्या सही है और हम कैसे जाने कि क्या सही है और क्या गलत। 

Epistemology (ज्ञान मीमांसा) को दो भागों में बांटा गया है –

  1.     Agnosticism ( अज्ञेयवाद) – Agnosticism की Study करने वाले ईश्वर को नहीं मानते! उनके लिए ईश्वर अस्तित्व में नहीं होते हैं और इसी बात पर अध्ययन किया जाता है। 
  2.     Scepticism ( संदेहवाद) – Scepticism हमेशा ही प्रश्नों से घिरा हुआ होता है! अपने संदेहो की वजह से कि अगर ऐसा है तो क्यों है। 

3.  Axiology ( theory of values) मूल्य मीमांसा

Axiology में हम सही और गलत की बात करते हैं कि! Value सही है या गलत, सही है तो क्यों? गलत है तो क्यों?

Definition –   Axiology दो ग्रीक शब्दों से मिलकर बना है “Axios” का मतलब होता है मूल्य या कीमत “Logos” का मतलब होता है अध्ययन इस तरह Axiology का अर्थ है Study of the value “मूल्य का अध्ययन करना”  Axiology पर इस बात पर विचार किया जाता है कि मूल्य सही है या गलत, सही है तो क्यों गलत है तो क्यों। 

 इसे तीन भागों में बांटा गया है –

  1. Ethics (आचार मीमांसा) – Ethics ज्ञान की एक शाखा होती है जिसमें नैतिक सिद्धांतों, व्यक्ति और समाज के अच्छे – बुरे कर्तव्यो का अध्ययन किया जाता है! इसे नीति शास्त्र भी कहते है। 
  2. Aesthetics ( सौंदर्य शास्त्र ) – Aesthetics दर्शन की एक शाखा होती है जो कला सौंदर्य (Art beauty) और अच्छे स्वाद (Good test) की प्रकृति और प्रशंसा से संबंधित है! Aesthetics शब्द का प्रयोग सबसे पहले A.G. Baumgarten ने किया था। 
  3. Logic (तर्क शास्त्र) – तर्क शास्त्र निर्णय की विवेचना करता है! इसमे तर्क के प्रकारो और उनको विकसित करने की विधियो का अध्ययन किया जाता है जिसमे तर्क करने के सिद्धान्त, तर्क की प्रणाली, तर्क सही है या गलत यह सभी शामिल है! इंसान के निर्णय प्रमाणित है या अप्रमाणित इसकी जांच तर्क शास्त्र ही करता है।

Branches of philosophy से संबन्धित पूछे जाने वाले प्रश्न 

दर्शन के मुख्य तीन अंग क्या है?

दर्शन के मुख्य तीन अंग –
1.  Metaphysics (nature of reality)  तत्वमीमांसा
2.  Epistemology (Theory of Knowledge) ज्ञान मीमांसा
3.  Axiology ( theory of values) मूल्य मीमांसा

दर्शन शास्त्र का जनक कौन है?

दर्शन शास्त्र के जनक “सुकरात” को माना जाता है इन्होंने ने ही western philosophy की  नीव रखी है।

दर्शन शास्त्र को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?

दर्शन शास्त्र को अंग्रेजी में philosophy कहते है जिसका अर्थ है ज्ञान से प्रेम करना  ‘love of wisdom’

दर्शनशास्त्र की वह शाखा जो शिक्षा पर सर्वाधिक बल देती है वह कौन सी है?

शिक्षा पर सर्वाधिक बल देती है वह है ज्ञान मीमांसा इसे प्रमाण मीमांसा के नाम से भी जाना जाता है और अंग्रेजी मे Epistemology कहते है जिसका मतलब होता है “ज्ञान का अध्ययन करना”।

दर्शनशास्त्र के पिता कौन है?

दर्शनशास्त्र के पिता सुकरात है।


दर्शन की तीन शाखाएं कौन सी हैं?

दर्शन की तीन शाखाएं इस प्रकार है –
1. Metaphysics (nature of reality)  तत्वमीमांसा
2. Epistemology (Theory of Knowledge) ज्ञान मीमांसा
3. Epistemology (Theory of Knowledge) ज्ञान मीमांसा

निष्कर्ष

दोस्तो हमने 3 branches of philosophy को अच्छी तरह  समझाने की पूरी कोशिश की है और साथ ही हमने 3 Branches of philosophy के sub  branches के बारे में भी जाना है उम्मीद करते हैं आपको यह जानकारी पसंद आई होगी आप इस article को अपने  friends को शेयर कर सकते हैं और जानकारी अच्छी लगी हो तो comment करें ऐसे ही जानकारी पाते रहने के लिए और हमारे साथ जुडने के लिए सबस्क्राइब करना न भूलें।  

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