Bluetooth क्या है और कैसे काम करता है जाने इसके 6 फायदे

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Bluetooth kya hai ब्लूटूथ क्या होता है ब्लूटूथ का इस्तेमाल आप लोग बहुत बार किया होगा और इसके बारे में अब शायद जानते भी होंगे किस काम में आता है ब्लूटूथ किसी भी प्रकार के डाटा को एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस मैं ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है जैसे कंप्यूटर से वायरलेस माउस को जोड़ना या फिर एक मोबाइल से दूसरे मोबाइल में ब्लूटूथ को कनेक्ट करके एक दूसरे के साथ किसी भी प्रकार के डाटा को शेयर करना अगर आप यह नहीं जानते हैं कि Bluetooth kya hai तो आपको इसके बारे में जरूर जानना चाहिए।

bluetooth kya hai

क्योंकि आने वाले कुछ समय में शायद आपको इसकी जरूरत पड़े इस आधुनिक जीवन में दिन प्रतिदिन विज्ञान तरक्की कर रहा है आज हर डिवाइस बिना किसी वायर के यानी कि वायरलेस डाटा ट्रांसफर करने में सक्षम है और इसमें ब्लूटूथ अहम भूमिका निभाता है आज के समय में किसी भी डिवाइस मैं ब्लूटूथ का होना बहुत जरूरी है इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि किसी भी गजट को बिना वायर के आपस में जोड़ने का सबसे बेहतर उपाय है।

Bluetooth kya hai 

ब्लूटूथ एक ऐसा डिवाइस है! जो वायरलेस टेक्नोलॉजी पर आधारित है! इसका उपयोग किसी भी दो या दो से अधिक डिवाइस को एक दूसरे से कनेक्ट किया जा सकता है! यह लो फ्रिकवेंसी रेडियो वेब पर आधारित होता है! और इसकी सहायता से किसी भी डिवाइस में आपस में किसी भी प्रकार के डाटा को ट्रांसफर किया जा सकता है! यही एक समय में अधिकतम सात डिवाइस से जुड़ सकता है! और ब्लूटूथ की रेंज 10 मीटर से 50 मीटर तक होती है। 

किसी भी डिवाइस को अन्य दूसरे डिवाइस से कनेक्ट करने के लिए दोनों डिवाइसों में ब्लूटूथ का होना अनिवार्य है! और दोनों डिवाइसों में ब्लूटूथ को ऑन रखना है! लूट की खास बातें होती है कि यह वायरलेस है! और इसमें किसी भी प्रकार के वायर की जरूरत नहीं होती है! और इसका ज्यादातर उपयोग वायरलेस हेडफोन, ब्लूटूथ स्पीकर, लैपटॉप, स्मार्टफोन इनमें देखने को मिल जाता है। Bluetooth kya hai अब आप अच्छी तरह से समझ गए होंगे । 

ब्लूटूथ के वर्जन  Bluetooth ke versions 

ब्लूटूथ के कई वर्जन होते हैं और सभी वर्जन में अलग-अलग स्पीड होता है समय के साथ साथ नए नए वर्जन आते चले गए और हर वर्जन में कुछ ना कुछ नया सुधार होता चला गया! और आज हम इसका उपयोग बड़े ही आसानी के साथ अपने फोन में अनेकों डिवाइसों को आपस में जोड़ सकते हैं ब्लूटूथ के वर्जन इस प्रकार हैं जो कि नीचे बताया गया है

  • Bluetooth 1.0
  • Bluetooth 2.0
  • Bluetooth 2.1
  • Bluetooth 3.0
  • Bluetooth 4.0
  • Bluetooth 4.1
  • Bluetooth 5.0

Bluetooth ke version और उनमे क्या अंतर है 

  • Bluetooth 1.0 ब्लूटूथ 1.0 मे सुरक्षा के दृष्टिकोण से कुछ कमियां थी।
  • Bluetooth 2.0 ब्लूटूथ 1.0 के बाद इसको बनाया गया था! जोकि EDR सपोर्टेड था और इसका पूरा नाम enhanced data rate है इसमें ब्लूटूथ 1.0 से ज्यादा फीचर को शामिल किया गया और सुरक्षा को भी बढ़ा दिया गया और इसमें डाटा ट्रांसफर करने की स्पीड ज्यादा देखने को मिलता है।
  • Bluetooth 3.0 इसमें एक नया फीचर को जोड़ा गया जिसका नाम हाई स्पीड दिया गया और इसमें डाटा स्पीड 3 मेगाबाइट देखने को मिला लेकिन इसमें एक कमी यह थी कि एनर्जी ज्यादा खर्च करता था।
  • Bluetooth 4.0 ब्लूटूथ के इस वर्जन में स्पीड 3.0 से मिलता-जुलता ही था लेकिन इसमें एनर्जी कम खर्च होता था।
  • Bluetooth 5.0 ब्लूटूथ के इस versions को सन 2016 में लांच किया गया था और यह हाई स्पीड डाटा ट्रांसफर करता है और इसकी रेंज को बढ़ाकर 40 मीटर तक कर दिया गया।

ब्लूटूथ का आविष्कार किसने किया

ब्लूटूथ का आविष्कार सन 1994 में Ericsson कंपनी में रेडियो प्रणाली पर काम कर रहे Dutch engineer job haartsen ने किया था! और इसके उपयोग के लिए मई 1999 में ब्लूटूथ स्पेशल इंटरेस्ट ग्रुप का गठन किया! जिसमें Nokia, Toshiba, IBM, Intel, Ericsson जैसी बड़ी कंपनी शामिल थी।

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ब्लूटूथ कैसे कार्य करता है

Bluetooth का उपयोग किसी भी प्रकार के मोबाइल को आपस में जोड़कर किसी भी तरह के डाटा को शेयर करने के लिए या किसी भी कंप्यूटर के इनपुट डिवाइस जैसे माउस, कीबोर्ड को जोड़ना होता है और यही एक छोटे से एरिया में काम करता है।

  • किसी भी दो या दो से अधिक डिवाइस को आपस में जोड़ने के लिए दोनों में ब्लूटूथ होना चाहिए।
  • अपने डिवाइस को किसी दूसरे अन्य डिवाइस से कनेक्ट करने के लिए ब्लूटूथ का ऑन होना आवश्यक है।
  • ब्लूटूथ ऑन होने पर वह खुद ही अपने आसपास के ऑन ब्लूटूथ को सर्च करना शुरू कर देता है! और आपके सामने उन सभी के लिस्ट सामने दिखाई देता है जिसमें ब्लूटूथ ऑन है।
  • आप जैसे भी डिवाइस को ब्लूटूथ से जुड़ना चाहते हैं उसे चुन करके सेलेक्ट कर ले।

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ब्लूटूथ के लाभ

  • यह हर स्मार्ट डिवाइस में पहले से ही लगा होता है।
  • इसका उपयोग करना बहुत सरल होता है।
  • इसमें डाटा कम्युनिकेशन काफी सुरक्षित होता है।
  • इसकी सहायता से बिना वायर का उपयोग किए ही स्मार्ट डिवाइस को कंट्रोल कर सकते हैं।
  • इसके उपयोग से एनर्जी बहुत कम खर्च होता है।
  • बहुत सस्ते दामों में मिल जाता है।

ब्लूटूथ के हानि

  • इसका डाटा ट्रांसफर रेट काफी धीमा होता है।
  • हमारे डिवाइस में जब ब्लूटूथ बिना किसी काम के ऑन रहता है तब भी यह एनर्जी खर्च करता है।
  • यह ज्यादा सिक्योर नहीं होता है।
  • यह बहुत कम एरिया में काम करता है।

Bluetooth नेटवर्क क्या है और इसके प्रकार

जब एक निश्चित एरिया में दो या दो से अधिक डिवाइस ब्लूटूथ के माध्यम से आपस में जोड़ते हैं और डेटा का आदान प्रदान करते हैं तो ऐसे नेटवर्क को हम ब्लूटूथ नेटवर्क कहते हैं।

यह नेटवर्क में मुख्य रूप से दो एलिमेंट को मिलाकर बनता है जिसे हम मास्टर और स्लैब कहते हैं।

  • Piconet – Piconet एक ad hoc network होता है जो दो डिवाइस को आपस में ब्लूटूथ के माध्यम से जोड़ता है जिसमें से एक मास्टर डिवाइस होता है और दूसरा स्लैब डिवाइस होता है एक मास्टर डिवाइस ब्लूटूथ नेटवर्क मे ज्यादा से ज्यादा आठ स्लैब एक समय में रह सकते हैं इसे ही Piconet कहते हैं इस नेटवर्क में जुड़े हर डिवाइस का 48 बटा एड्रेस होता है जो सभी स्लैब की पहचान करता है।
  • Scatternet – यह दो या दो से अधिक Piconet के combination को scatternet कहते हैं इस समय पहले स्लैब का Piconet दूसरे स्लैब के Piconet मे मास्टर का रोल निभाता है।

ब्लूटूथ कनेक्शन प्रोसेस

जब कोई ब्लूटूथ डिवाइस आपस में जोड़ते हैं तब जोड़ने से पहले उसे कई कनेक्शन प्रोसेस से गुजरना पड़ता है! जिससे नेटवर्क बनता है ब्लूटूथ कनेक्शन के तीन प्रोसेस होते हैं

  1. Enquiry इसका सीधा मतलब यह होता है कि जब हम अपने डिवाइस में ब्लूटूथ को ऑन करते हैं तब ब्लूटूथ अपने आसपास मौजूद सभी नेटवर्क की इंक्वायरी करता है।
  2. Paging इस प्रोसेस के अंदर वह अपने आसपास के स्लाइड मास्टर डिवाइस से को अपने 48 के एड्रेस को मास्टर डिवाइस तक भेजने का काम करती है।
  3. Connection paging की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद वह दोनों नेटवर्क आपस में जुड़ जाते हैं।

Bonding जब तीनों प्रोसेस पूरा हो जाता है उसके बाद दोनों नेटवर्क आपस में सारी डिटेल को अपनी मेमोरी में स्टोर कर लेता है जिससे कि जब अगली बार सर्च हो तो वह डायरेक्ट आपस में जुड़ सकें।

Bluetooth adaptor क्या होता है

ब्लूटूथ एडेप्टर देखने में एक पेन ड्राइव की तरह होता है जिसका उपयोग किसी अन्य ब्लूटूथ डिवाइस से अपने कंप्यूटर में कनेक्ट करने के लिए किया जाता है अगर आपने पुराने पीसी में वायरलेस माउस का यूज़ किया होगा तो उसमें ब्लूटूथ एडेप्टर को अपने कंप्यूटर के यूएसबी के स्थान पर लगा देखा होगा ब्लूटूथ एडेप्टर का काम डाटा को सेंड करना या रिसीव करना होता है।

पूछे जाने वाले प्रश्न 

प्रश्न – ब्लूटूथ का क्या काम है?

ब्लूटूथ किसी भी डिवाइस में आपस में किसी भी प्रकार के डाटा को ट्रांसफर किया जा सकता है। यह एक समय में अधिकतम सात डिवाइस से जुड़ सकता है।

प्रश्न – ब्लूटूथ कितने प्रकार के होते हैं?

ब्लूटूथ वर्जन के आधार पर 5 प्रकार के होते है।
1. Bluetooth 1.0
2. Bluetooth 2.0, Bluetooth 2.1
3. Bluetooth 3.0
4. Bluetooth 4.0, Bluetooth 4.1
5. Bluetooth 5.0

प्रश्न – ब्लूटूथ कितनी दूरी तक काम करता है?

ब्लूटूथ की रेंज 10 मीटर से 50 मीटर तक होती है। किसी भी डिवाइस को अन्य दूसरे डिवाइस से कनेक्ट करने के लिए दोनों डिवाइसों में ब्लूटूथ का होना अनिवार्य है।

अंत में –

इस पोस्ट के माध्यम से आप जाना कि Bluetooth kya hai  यह कैसे काम करता है! ब्लूटूथ एडेप्टर क्या होता है, ब्लूटूथ नेटवर्क क्या है और यह कितने प्रकार के होते हैं और इसके वर्जन कौन-कौन से हैं यह सारी जानकारी इस पोस्ट में बता दी गई है जो कि आपको काफी पसंद आई होगी और कुछ नया जानने को मिला होगा यह पोस्ट आपको कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएं और अपने दोस्तों के साथ शेयर करे और ऐसे ही जानकारी पाते रहने के लिए सब्सक्राइब करना ना भूले ।

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