Dhanteras kab hai | Dhanteras 2023 | धनतेरस कब है ? जाने शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

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दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम जानने वाले हैं कि साल 2023 मे Dhanteras kab hai और इसके पूजा का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा, इसके अलावा हम आपको बताएंगे धनतेरस की पूजा विधि क्या होगी। अगर आप जानना चाहते हैं कि 2023 में Dhanteras kab hai तो आपको यहाँ पूरी जानकारी मिलने वाली है तो आप इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढे।

Dhanteras kab hai | Dhanteras 2023 | धनतेरस कब है ? जाने शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

 Dhanteras kab hai | Dhanteras 2023 

दोस्तो धनतेरस के दिन भगवान का जन्म हुआ था। इसीलिए इस दिन को धनतेरस के नाम से जाना जाता है। दिवाली के 5 दिनों के त्यौहार में धनतेरस सबसे पहला और महापंत पर्व है। धनतेरस का पर्व कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। 

इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा का विधान है! साथ ही धनतेरस का दिन माता लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर के अलावा! यमदेव को भी दीपदान किया जाता है! इस दिन नए बर्तन और गहने! की खरीददारी करना भी बेहद शुभ माना जाता है।

दोस्तों! धनतेरस के दिन खरीददारी करने का विशेष महत्व है। धनतेरस के दिन गणेश व लक्ष्मी जी की चांदी के प्रतिमा को घर लाना बेहद ही शुभ माना जाता है इससे घर, नौकरी, व्यापार में सफलता और उन्नति मिलती है। इस दिन भगवान धन्वंतरि जी समुद्र से कलश लेकर प्रकट हुए थे।  इसीलिए इस दिन खास तौर से बर्तनों की खरीददारी भी की जाती है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन की खरीददारी में 13 गुना बड़ोत्रि होती है।

आइये अब जानते है 2023 मे धनतेरस कब मनाया जाएगा? तो दोस्तो आप को बता दे की इस बार धनतेरस 10 नवंबर 2023 दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी। धनतेरस तिथि का शुभारंभ 10 नवंबर शुक्रवार को दोपहर 12:35 मिनट से होगी और यह तिथि अगले दिन 11 नवंबर शनिवार को दोपहर 01:57 मिनट तक मान्य रहेगी।

2023 मे धनतेरस का शुभ मुहूर्त कब है ?

धनतेरस की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:47 से लेकर शाम 7:43 तक रहेगा। आप को धनतेरस की पूजा करने लिए सिर्फ 1 घंटा 56 मिनट का समय ही मिलेगा।

धनतेरस के दिन पूजा करने का विधान 2023

दोस्तों धनतेरस के दिन धन के देवता कुबेर और माता लक्ष्मी जी की पूजा करने का विधान है। इस दिन मां लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा अर्चना करें। उन्हें रोली, अक्षत, फूल – माला चढ़ाएं, माता लक्ष्मी को सफेद मिठाई का भोग लगाएं। धूप, दीप जलाकर आरती करें। इससे लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर महाराज जी प्रसन्न होकर आपको सुख, समृद्धि और आशीर्वाद प्रदान करेंगे। 

दोस्तों धन, त्रयोदशी के दिन हुआ था और इसी दिन भगवान धनवंतरी का जन्म हुआ था  पूजा स्थल पर बैठकर भगवान धनवंतरी जी की प्रतिमा फोटो रखने और उन्हें फूल माला – चढ़ाएं, चंदन और नए दीप चढ़ाएं और धूप दीप जलाकर भगवान धनवंतरी जी की आरती करें और आप इस दिन भगवान धनवंतरी के मंत्र- ओम मंत्र का 108 बार जाप करें। जाप करने के बाद अपने दोनों हाथ जोड़कर भगवान धनवंतरी जी से अच्छी सेहत के लिए प्रार्थना करें। 

धनतेरस कब मनाया जाता है?

दोस्तो धनतेरस का पर्व हर वर्ष हिंदी कैलेंडर के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन मनाया जाता है। यह दिन दीपावली के दो दिन पहले का दिन कहलाता है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन ही भगवान धनवंतरी समुद्र मंथन के समय हाथ में कलश लेकर प्रकट हुए थे और लोगो का मानना है कि इसी दिन लक्ष्मी माता जी भी समुद्र से प्रकट हुई थी।

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धनतेरस क्यों मनाते है?

दोस्तो Dhanteras kab hai  हमने यह जान लिया है अब धनतेरस क्यो मनाया जाता है यह जानेंगे। धनतेरस पर्व मनाने के पीछे लोगो की यह मान्यता है कि जब कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन भगवान धनवंतरी समुद्र मंथन के समय प्रकट हुए थे तो उनके हाँथ में अमृत से भरा हुआ कलश (बर्तन) था। इसीलिए धनतेरस के दिन बर्तन खरीदे जाने की परंपरा है। धनतेरस के दिन तांबे अथवा चांदी के बर्तन खरीदे जाने चाहिए क्योंकि ताँबा भगवान धनवंतरी की प्रिय धातु मे से एक है।

महर्षि धनवंतरी को देवताओं का चिकित्सक भी माना जाता है! क्योंकि मान्यता है कि जब महर्षि धनवंतरी समुद्र से प्रकट हुए थे तो उनके हांथो में कलश तो था ही साथ ही आयुर्वेद भी लेकर आये थे। इसीलिए भगवान धनवंतरी की पूजा से आरोग्य, सौभाग्य और स्वास्थ्य लाभ की प्राप्ति होती है। भगवान धनवंतरी से यमराज की भी एक कहानी जुड़ी हुई है इसीलिए इस दिन यमराज देव की पूजा करने का भी महत्व माना गया है।

धनतेरस कितनी तारीख को है?

धनतेरस 10 नवंबर 2023 दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी।

धनतेरस पर क्या खरीदना चाहिए?

धनतेरस के दिन गणेश व लक्ष्मी जी की चांदी के प्रतिमा को घर लाना बेहद ही शुभ माना जाता है।
इस दिन भगवान धनवंतरी जी समुद्र से कलश लेकर प्रकट हुए थे इसीलिए इस दिन खास तौर से बर्तनों की खरीददारी भी की जाती है और भगवान धनवंतरी जी की प्रिय धातु तांबा है इसलिए तांबे के बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है।

Dhanteras me कौन सा दीपक जलाना चाहिए?

Dhanteras me सरसो के तेल का दीपक जालना चलिये क्योकि धनतेरस के दिन शनिदेव महाराज जी की पूजा होती है और उन्हे सरसों का तेल चढ़ाया जाता है।

अंत में –

दोस्तो हमने अब तक जाना की Dhanteras kab hai धनतेरस क्यों मनाते है? धनतेरस कब मनाया जाता है? इस पोस्ट में दी गई सभी जानकारी अगर आपको अच्छा लगा हो तो आप अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करें! अगर आपके मन में कोई भी सवाल हो तो आप हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं और भी ऐसे पोस्ट पढ़ने के लिए हमे सबस्क्राइब करें। 

धन्यवाद ।

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