Holi kab hai– होली का त्यौहार रंगों का त्योहार है हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व है यह पूरे देश में बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है इस त्यौहार का लोग बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं बच्चों को यह त्यौहार बहुत पसंद होता है और साथ में बड़े बुजुर्ग भी इस त्यौहार को मनाते हैं लोग इस दिन एक दूसरे के ऊपर रंग, अबीर, गुलाल लगाते हैं और पुरानी दुश्मनी को भूल कर गले मिलते हैं और एक दूसरे को होली की शुभकामनाएं देते हैं।
Holi के दिन कई प्रकार के अलग-अलग पकवान बनाए जाते हैं जैसे – गुजिया, लड्डू, पेड़े, बेसन की बर्फी, बालूशाही, इत्यादि Holi का त्यौहार फागुन माह की पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन प्रतिपदा को रंग खेलते है यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष 2023 में वर्ष का पहला बड़ा त्यौहार होली 7 मार्च को मनाया जाएगा इस दिन शाम के समय शुभ मुहूर्त में होलिका दहन किया जाएगा और इसके अगले दिन 8 मार्च दिन बुधवार को रंग खेला जाएगा जिसे धूलेंडी व धुरेली कहते हैं इस त्यौहार को बसंत ऋतु के आगमन का स्वागत करने के लिए मनाते हैं जिस दिन होलिका दहन किया जाता है उस दिन को छोटी होली कहते हैं।
Holi kab hai 2023 में
Holi का त्यौहार रंग और प्रेम का प्रतीक है इस दिन लोग होलिका जलाते हैं जिसमें अहंकार और बुराई को नष्ट करते हैं।
- इस वर्ष होलिका दहन 7 मार्च दिन मंगलवार को किया जाएगा और 8 मार्च दिन बुधवार को रंग खेला जाएगा।
- इस बार फागुन का शुभारंभ 6 मार्च 2023 को 4 बजकर 17 मिनट से होगा और यह 7 मार्च 6 बजकर 9 मिनट तक रहेगा।
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
फागुन माह के पूर्णिमा के दिन होलिका दहन किया जाता है शाम को जब चांद पूरी तरह से दिखाई देता है उसके बाद ही होलिका जलाई जाती है।
- होलिका जलाने का समय 6:24 से 8:51 मिनट तक का है।
- होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 2 घंटे 27 मिनट तक रहेगा।
होलिका दहन की कथा
होलिका दहन करने के पीछे क्या कारण है होलिका दहन क्यों किया जाता है इसका वर्णन शास्त्रों में किया गया है प्राचीन काल में हिरण कश्यप नाम का एक असुर राजा था जो घमंड के कारण स्वयं को ही भगवान मानता था उसके राज्य में कोई भी व्यक्ति भगवान का नाम नहीं ले सकता था हिरण कश्यप की एक बहन थी जिसका नाम होलिका था।
होलिका को आग में ना जलने का वरदान मिला था हिरण कश्यप का 1 पुत्र था जिसका नाम प्रहलाद था और वह भगवान विष्णु का परम भक्त था राजा के मना करने पर भी वह विष्णु की पूजा किया करता था तब हिरण कश्यप ने होलिका को आदेश दिया कि प्रहलाद को अपनी गोद में लेकर आग में बैठ जाए आग में बैठने पर होलिका उसी आग में जलकर भस्म हो गई और प्रहलाद सुरक्षित निकल आया तब से भक्त प्रहलाद की याद में होलिका दहन मनाया जाने लगा।
रंग-गुलाल खेलने वाली होली
रंग वाली होली को राधा कृष्ण के पवित्र प्रेम की याद में भी मनाया जाता है कथा के अनुसार एक बार बाल गोपाल कृष्ण ने माता यशोदा से पूछा की मैं राधा की तरह गोरा क्यों नहीं है तब माता यशोदा ने मजाक में कहां की राधा के चेहरे पर रंग लगाने से राधा का रंग भी कन्हैया की तरह हो गया तब कन्हैया ने राधा और गोपियों के साथ रंग खेला तभी से यह त्यौहार रंगो के त्यौहार के रूप में मनाया जाने लगा।
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होली के त्यौहार में क्या करते हैं?
Holi का त्योहार मनाने और इसका पूरा आनंद लेने के लिए कई प्रकार की क्रियाएं करते हैं रंग गुलाल लगाना होली के सबसे प्रसिद्ध गतिविधियों में एक दूसरे पर रंग गुलाल लगाना पुरानी दुश्मनी को बुलाकर मिल जुल कर रहना परिवार के सदस्यों का सम्मान करना होलिका जलाना बुराई पर अच्छाई की जीत की खुशी पर होलिका जलाकर खुशियां मनाते हैं इस अवसर पर कई लोग नाच गाना किया करते हैं कई लोग इस त्यौहार को मनाने के लिए और पूरा आनंद लेने के लिए भांग का सेवन करते हैं इस त्यौहार को भारत के अलग-अलग स्थानों में अलग-अलग तरीके से मनाते हैं।
होलिका दहन में क्या करें
- होलिका दहन से पहले परिवार के सदस्यों को उबटन लगाना चाहिए और इसके बाद उसके अवशेष को अग्नि में डाल देना चाहिए ऐसा करने से नकारात्मक शक्ति दूर हो जाती है और लोग निरोगी रहते हैं।
- होली का पूजा करते समय अपने मुंह को पूर्व या उत्तर दिशा में रखना चाहिए।
- होली का पूजा में सभी को शामिल होना चाहिए इससे सुख समृद्धि एवं शक्ति बढ़ती है।
- होलिका दहन पर अपनी राशि के अनुसार वस्तुओं का दान करना चाहिए।
होलिका दहन मे क्या न करें
- होलिका दहन के समय अपने सिर को खुला न रखें।
- होलिका दहन के दिन सड़क पर पड़ी हुई चीजों को नहीं छूना चाहिए क्योंकि इस दिन लोग तंत्र मंत्र का काम करते हैं।
- होलिका दहन के दिन मांस, मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
- इस दिन काला या नीले रंग के कपड़े नहीं पहनना चाहिए क्योंकि यह नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है।
पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. 2023 मे होली कब है
Holi kab hai – होली का त्योहार हर वर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस साल 2023 में होली 8 मार्च दिन बुधवार को खेला जाएगा।
प्रश्न 2. 2023 में होलिका दहन कब है?
2023 में होलिका दहन 7 मार्च दिन मंगलवार को किया जाएगा और 8 मार्च दिन बुधवार को रंग खेला जाएगा।
प्रश्न 3. Holi kab aata hai?
Holi का त्यौहार फागुन माह की पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन प्रतिपदा को रंग खेलते है यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है।
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