karva chauth date 2023 | karva chauth kab hai शुभ मुहूर्त 2023

हेलो दोस्तों आज हम इस पोस्ट के माध्यम से जानेंगे कि 2023 में karva chauth kab hai और इसके साथ ही karva chauth 2023 की तारीख व मुहूर्त कब है, करवा चौथ व्रत के नियम करवा चौथ व्रत की पूजा विधि, karva chauth में सरगी क्या होता है यह सब जानने के लिए इसे अंत तक जरूर पढे।

karva chauth kab hai 2023

karva chauth kab hai | 2023 में करवा चौथ व्रत कब है?

karva chauth का ब्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं और अविवाहित स्त्रियां अच्छे वर की प्राप्ति के लिए करवा चौथ का व्रत रखने की परंपरा है यह पर्व पूरे उत्तर भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

karva chauth हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार है! यह कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है! इस पर्व को सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए करवा चौथ का निर्जला व्रत रखती हैं! और चौथ माता की पूजा करती हैं। 

यह व्रत सुबह सूर्योदय से पहले लगभग 4:00 बजे के बाद शुरू होता है! और रात में चंद्र दर्शन के बाद पूरा होता है! यह भारत के कई जगहों पर मनाया जाता है! पंजाब उत्तर प्रदेश हरियाणा मध्य प्रदेश और राजस्थान मुख्य रूप से मनाया जाता है।

इस दिन भगवान शिव, पार्वती, स्वामी कार्तिकेय, गणेश एवं चंद्रमा की पूजा करते हैं! शास्त्रों के अनुसार इस व्रत को कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी के दिन मनाना चाहिए! यह व्रत पति की दीर्घायु और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए गणेश जी की पूजा की जाती है। karva चौथ मैं दिन भर उपवास रखकर रात में चंद्रमा को अर्ध्य देने के बाद ही भोजन करने का विधान है।

karva chauth kab hai- हिंदी पंचांग के अनुसार करवा चौथ का व्रत हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है इस वर्ष यह व्रत 01 नवंबर 2023 दिन बुधवार को मनाया जाएगा।

करवा चौथ व्रत तारीख व शुभ मुहूर्त 2023

हिन्दी पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर 2023 को रात 09:30 पर शुरू हो रही है और चतुर्थी तिथि की समाप्ति 1 नवंबर 2023 को 09:19 पर होगी। 

  • करवा चौथ व्रत का समय – सुबह 06:36 से रात 08:26 तक 
  • करवा चौथ के पूजा का मुहूर्त – शाम 05.44 से रात 07.02, (समय अवधि – 01 घण्टा 17 मिनट)
  • चांद निकलने का समय – रात 8 बजकर 26 मिनट पर  (1 नवंबर 2023)

करवा चौथ व्रत के नियम

  • यह सब रात को सूर्योदय से पहले से लेकर चांद निकलने तक रखना चाहिए! और चंद्र दर्शन के पश्चात ही व्रत को खोला जाता है।
  • शाम के समय चंद्रमा निकलने से एक घंटा पहले भगवान शिव, पार्वती, गणेश, कार्तिकेय की पूजा की जाती है।
  • पूजा करते समय देवताओं की फोटो या मूर्ति का मुख पश्चिम की ओर होना चाहिए और स्त्री को पूर्व की तरफ मुख करके बैठना चाहिए।

करवा चौथ कथा

karva chauth व्रत कथा के अनुसार एक साहूकार के सात बेटे थे! और उसकी करवा नाम की एक बेटी थी एक बार करवा चौथ के दिन उसके घर पर व्रत रखा गया रात को जब सब लोग भोजन करने लगे तब करवा के भाइयों ने उसे भी भोजन करने के लिए कहा तब वह यह कह कर मना कर दिया कि अभी चंद्रमा नहीं निकला है चंद्रमा को अर्ध्य देने के बाद ही भोजन करूंगी सुबह से भूखी प्यासी बहन की हालत भाइयों से नहीं देखी जा रही थी।

तब सबसे छोटे भाई ने एक दीपक को जलाकर पीपल के पेड़ में रखकर आ गया! और अपनी बहन से बोला व्रत तोड़ लो चांद निकल आया है! भाई की इस चतुराई को वह नहीं समझ पाई और उसने खाने का निवाला खा लिया! निवाला खाते ही उसे अपने पति की मृत्यु का समाचार मिला अपने पति की शोक में वह शव को लेकर 1 वर्ष तक बैठी रही और उसके ऊपर उगने वाली घास को इकट्ठा करती रही अगले वर्ष कार्तिक कृष्ण चतुर्थी आने पर उसने पूरे विधि विधान से करवा चौथ व्रत को रखा जिसके उपरांत उसका पति पुनः जीवित हो गया।

करवा चौथ व्रत की पूजा विधि

  1. सुबह सूर्योदय से पहले स्नान करके पूजा घर की सफाई करें! और इसके बाद सास द्वारा दिया हुआ भोजन करें और भगवान की पूजा करके निर्जला व्रत रहने का संकल्प करें।
  2. इस व्रत को संध्या के समय सूर्यास्त होने के बाद चंद्र दर्शन करके ही खोलना चाहिए! इस बीच पानी तक नहीं पीना चाहिए।
  3. संध्या के समय मिट्टी की चौकी बनाकर सभी देवताओं को स्थापित करें और मिट्टी से बने करवे को रखें।
  4. पूजा सामग्री में धूप, दीप, चंदन, रोली, सिंदूर को थाली में रखें और इसके साथ ही दीपक जलाने के लिए घी पर्याप्त मात्रा मे रखें।
  5. चंद्रमा निकलने से लगभग एक घंटा पहले पूजा करना शुरू कर देना चाहिए और परिवार की सभी महिलाएं साथ में पूजा करें।
  6. पूजा के समय करवा चौथ कथा को सुने या फिर सुनाए।
  7. चंद्र दर्शन चलनी के द्वारा किया जाना चाहिए और साथ ही चंद्र दर्शन के समय आर्ध्य के साथ चंद्रमा की पूजा करना चाहिए।
  8. चंद्र दर्शन के बाद बहू अपनी सास को थाली में मिठाई, रुपया आदि देकर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए! और सास उसको अखंड सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद दे।

करवा चौथ में सरगी क्या है ?

पंजाब में karva chauth का त्यौहार सरगी के साथ शुरू होता है karva chauth के दिन सूर्योदय से पहले किया जाने वाला भोजन को कहा जाता है! जो महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं उनकी सास उनके लिए सरगी बनाती हैं शाम को सभी महिलाएं सिंगार करके इकट्ठा होती हैं और फेरी की रस्म करती हैं। 

इस रस्म में महिलाएं एक घेरा बनाकर बैठती हैं और पूजा की थाली एक दूसरे को देकर पूरे घेरे में घूमाती हैं इस रस्म के वक्त बुजुर्ग महिला द्वारा करवा चौथ की कथा को गाया जाता है भारत के उत्तर प्रदेश और राजस्थान में गौरी माता की पूजा की जाती है गौरी माता की पूजा के लिए गाय के गोबर से प्रतिमा बनाई जाती है।

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पूछे जाने वाले प्रश्न 

karva chauth का महत्व क्या है?

हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने में दो चतुर्थी तिथि होती है जिसे चौथ कहते हैं! यह तिथि भगवान गणेश को समर्पित होती है! जिसकी पूजा करने से मनुष्यों के सभी दुख और बाधाएं नष्ट हो जाती है।

करवा चौथ का इतिहास क्या है?

जब देवताओं और असुरों के बीच युद्ध चल रहा था तब ब्रह्मा जी ने सभी देवताओं की पत्नियों को अपने पति की विजयी होने के लिए व्रत रखने का सुझाव दिया था जिसके बाद से ही करवा चौथ का व्रत मनाया जाने लगा।

 karva chauth kab hai 2023

2023 में करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर को मनाया जाएगा।

करवा चौथ के व्रत का क्या महत्व है?

करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं के द्वारा अपने पति की लंबी आयु, अच्छा स्वास्थ्य और जीवन में तरक्की के लिए किया जाता है! जबकि कई कुंवारी कन्याएं अपने मनपसंद जीवनसाथी पाने के लिए भी इस व्रत को रखती हैं।

करवा चौथ की रात को पति पत्नी क्या करते हैं?

चौथ की रात को पत्नी पूरे दिन व्रत रखने के बाद शाम को चंद्रमा के दर्शन करके अर्ध्य अर्पित करती हैं इसके बाद पति करवा से पत्नी को पानी पिलाते हैं और कुछ खिलाकर उनका व्रत तोड़ते हैं।

करवा चौथ पर सास को क्या दें?

करवा चौथ पर महिलाएं व्रत खोलने के बाद अपने सास को मिट्टी या धातु से बने हुए बर्तन, मीठे पकवान, कपड़ा और सुहाग से जुड़ी हुई वस्तुएं देती हैं जिसे बायना भी कहा जाता है।

करवा चौथ पर सास बहू को क्या देती है?

करवा चौथ के दिन सास अपनी बहू को सूर्योदय से पहले सरगी देती हैं! इस सरगी की थाली में मिठाई, मठरी, मेवा , फल, कपड़े, गहने, पूरी देती है।

Karwa Chauth ke व्रत me Onion khate hai ki nhi

Karwa Chauth व्रत की पूजा हो जाने के बाद पारण (फलाहार) के समय Onion खा सकते है।

निष्कर्ष

दोस्तों आज हम इस पोस्ट के माध्यम से जाना कि 2023 में karva chauth kab hai और इसके साथ ही करवा चौथ 2023 की तारीख व मुहूर्त कब है, करवा चौथ व्रत के नियम करवा चौथ व्रत की पूजा विधि, करवा चौथ में सरगी क्या होता है यह पोस्ट आपको कैसा लगा कमेंट मे जरूर बताये और अपने दोस्तो के साथ शेयर करे ।

धन्यवाद !

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