Technical दुनिया मे कुछ भी संभव हो जाता है दोस्तो यहाँ हम एक ऐसी मेमोरी की बात करने जा रहे है जो जरूरत के हिसाब से काम करती है, जरूरत के अनुसार वो अपने लिए जगह बना लेती है और फिर जगह खाली भी कर देती है जी हाँ दोस्तो उस मेमोरी का नाम है Virtual Memory. आपने Technical term memory के बारे में तो काफी कुछ सुना होगा, यह Technical term memory अच्छी होनी चाहिए तभी आपका सिस्टम या फिर कोई भी Device बेहतर काम करती है ठीक इसी तरीके से आज हम बात करेंगे Virtual Memory के बारे में।
कंप्यूटर तो आजकल सभी इस्तेमाल करते हैं और कंप्यूटर में जो मेमोरी होती है RAM और ROM तो इन दो Memories के अलावा भी एक और मेमोरी है जिसकी जरूरत कंप्यूटर में उतनी ही है जितनी की RAM और ROM की है, इस मेमोरी का नाम है virtual memory आज हम virtual memory के ऊपर आपको Detail में पूरी Information देने वाले हैं।
Virtual Memory definition
Virtual Memory कंप्यूटर की physical memory नहीं है! बल्कि एक ऐसी तकनीक है जो एक बड़ी program को execute करने की permission देती है! जो पूरी तरह से प्राइमरी मेमोरी यानी कि RAM में नहीं रखी जा सकती है! virtual memory ऑपरेटिंग सिस्टम का ही एक भाग है जो कि RAM के कार्य को पूरा करने में हेल्प करता है तथा वह सारी Applications जिन्हें पहले access नहीं कर पा रहे थे उन्हें इस मेमोरी के जरिए अब आसानी से access कर पाएंगे।
इस Process से कंप्यूटर में RAM की साइज को बढ़ाया जाता है! जिससे कंप्यूटर पर एक से ज्यादा programs को चलाते time कम size के RAM की problem से छुटकारा पाया जा सकता है।
इन्हे भी जाने –
Generation Of Computer in Hindi | कंप्यूटर की सभी पीढ़ियों की जानकारी
Internet service provider | ISP क्या है और इसका काम क्या है | ISP के 3 प्रकार
Internet Of Things क्या है | इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) क्या है?
What are Virtual Memory | वर्चुअल मेमोरी क्या है?
कंप्यूटर में multiprocessing के काम को करने के लिए उनमें RAM का होना बहुत जरूरी है multiprocessing का मतलब है बहुत सारे programs या applications को एक साथ Open करना जिसे एक ही समय में Web browser, Microsoft Word, Photoshop, Excel आदि Programs का इस्तेमाल इसमे शामिल है।
हम जितनी बार अलग-अलग एप्लीकेशंस अपने सिस्टम में खोलेंगे उतनी बार RAM का Space इन एप्लीकेशन को Run करने के लिए भरता जाता है! और कभी-कभी तो ऐसी Situation आ जाती है कि RAM का जो space रहता है वह पूरी तरह से इन एप्लीकेशन को रन करने से भर जाता है! उसके बाद कोई भी एप्लीकेशन, सॉफ्टवेयर कंप्यूटर में रन नहीं हो पाता है।
ऐसी Situation में कंप्यूटर virtual memory का इस्तेमाल करता है! virtual memory कंप्यूटर की हार्डडिस्क का space लेकर कंप्यूटर में RAM के Alternative task (वैकल्पिक कार्य) के लिए उपयोग किया जाता है! यानी virtual memory कंप्यूटर को एक अलग RAM उपलब्ध करवाती है जो कि Physical RAM से बिल्कुल अलग होती है और अलग इसलिए होती है क्योंकि Physical RAM कंप्यूटर सिस्टम में चिप के रूप में होती है जो कि हार्डवेयर है और virtual memory एक सॉफ्टवेयर है।
अगर सिस्टम में RAM का Spare कम है तो कंप्यूटर में virtual memory का प्रयोग करके उस कमी को पूरा किया जा सकता है! हर कंप्यूटर सिस्टम में RAM का साइज लिमिटेड होता है! जब कंप्यूटर में एक से ज्यादा एप्लीकेशन या फाइल को खोलते हैं तो RAM का स्पेस भर जाता है इसी वजह से सिस्टम का Speed धीमा हो जाता है! उस वक्त virtual memory RAM के डाटा को हार्ड डिस्क के space में भेज देता है! जिससे RAM खाली होने लगता है और फिर कंप्यूटर के task को बेहतर तरीके से perform कर पाता है।
इसे भी पढ़े –
Processor kya hai | नया मोबाइल, कंप्यूटर खरीदने से पहले जाने कौन सा है बेहतर
Keyboard क्या है | कीबोर्ड के प्रकार, परिभाषा और उपयोग 2023
Wireless mouse in Hindi | वायरलेस माउस क्या है और इसके 3 प्रकार
वर्चुअल मेमोरी काम कैसे करता है
जब भी कंप्यूटर में RAM का Space full होने लगता है! तो कंप्यूटर का operating system उन applications और files की जांच करता है! जो हम अपने system में open रखते हैं! और जो भी फाइल या एप्लीकेशन सिस्टम में minimize होकर रहती है तो Computer उन सभी को virtual memory में trading files की सहायता से RAM की डाटा को ट्रांसफर कर देती है।
जब डाटा को Physical memory से virtual memory में ट्रांसफर किया जाता है! तब OS उस एप्लीकेशन के प्रोग्राम को पेज फाइल में divide कर देती है और साथ ही साथ हर पेज फाइल के साथ एक Fixed number का Address भी जोड़ देती है! तो फिर डाटा ट्रांसफर करने के लिए कंप्यूटर RAM के उन एरिया की तरफ देखता है जो हाल ही में प्रयोग नहीं किए गए हैं और उन्हें हार्ड डिस्क की virtual memory में कॉपी कर देता है।
हर पेज फाइल हार्ड डिस्क में जाकर के इकट्ठा हो जाते हैं! इससे हमारी RAM का Space खाली होने लगता है! और जैसे एप्लीकेशन पर यूजर Present में यानी कि वर्तमान में काम कर रहा होता है वह बहुत ही अच्छी तरीके से एकदम Smoothly Run होता है उसके साथ नई एप्लीकेशन भी आसानी से लोड हो पाती है।
जब हम एप्लीकेशन को open करते हैं! जो हमने मिनिमाइज करके रखा हुआ है! उस वक्त हार्ड डिस्क की virtual memory में जो फाइल ट्रांसफर की गई थी उस फाइल के Address को OS वापस से डिस्क से कॉपी करके RAM में फिर से भेज देता है! जिससे हम उस प्रोग्राम या एप्लीकेशन पर आसानी से काम कर पाते हैं। OS तब तक फाइल को हार्ड डिस्क से RAM में लोड नहीं करती है! जब तक उनकी जरूरत नहीं पड़ जाती।
How to increase virtual memory | वर्चुअल मेमोरी कैसे बढ़ाए
कुछ click करके और step follow करने हम अपने कंप्यूटर में वर्चुअल मेमोरी को Increase कर सकते हैं-
- हमें अपने कंप्यूटर की स्क्रीन पर My computer मे right click कर properties open कर लेनी है।
- Left side हमें advanced system setting का option मिलेगा उसे click करना है।
- अब system properties का window सामने आएगा! उस पर advance में click करना है और जो setting का बटन है उसे click करना है।
- अगला interface performance option का खुलेगा! उस पर भी advance के Option पर click करना है click करने पर change बटन show होगा उसे click करना है।
- अब virtual memory का interface open होगा! और एक चेक बॉक्स नजर आएगा “Automatically Manage paging file size for for all drives paging file size each drive” का उसे Uncheck करना है।
- uncheck करते ही नीचे दिए गए सारे option open हो जाएंगे! जिसमें से हमें custom size का एक radio button मिलेगा उसे click करना है! और हमें जितनी size increase करनी है उतनी size भरनी है।
- अब आपको set button पर click करना है और फिर ok button पर भी click कर देना है।
- ok button पर click करते ही एक और interface नजर आएगा आपके screen पर जो restart का होगा और फिर आप को restart के button पर click करना है।
नोट – restart का option अगर नहीं open हुआ है तो समझ लीजिए कि आपसे step follow करने में कोई गलती हुई है इसलिए सारे step दोबारा follow करें।
इसे भी पढ़े –
USB ka full form | USB क्या है और कितने प्रकार के होते हैं
OTG kya hai | OTG क्या होता है | OTG cable कैसे काम करता है ?
mobile ki ram kaise badhaye | Android Mobile की Ram कैसे बढ़ाये 4GB तक
Virtual Memory Advantage | वर्चुअल मेमोरी के लाभ
यह virtual memory उस समय बनाया गया था! जब RAM बहुत महंगी हुआ करती थी और कंप्यूटर के सीमित मात्रा में RAM होने की वजह से कंप्यूटर की मेमोरी फुल हो जाती थी! खास कर के जब हम Multiple program को एक ही समय में Run करते थे।
virtual memory से हम अपने कंप्यूटर के RAM को लगभग दोगुना कर सकते हैं! जिससे system की speed बढ़ जाती है! और इसका सबसे ज्यादा फायदा यह है कि programmers Applications बनाने के लिए बड़ी-बड़ी programs लिख सकते हैं! क्योंकि physical memory की तुलना में virtual memory बहुत बड़ी होती है।
अब आप अपने कंप्यूटर पर ज्यादा बड़े साइज वाले प्रोग्राम को भी आसानी से Run कर पाएंगे इनकी वजह से virtual memory उन लोगों के लिए सबसे अच्छी होती है जो अपने कंप्यूटर सिस्टम को upgrade नहीं करना चाहते यानी कि वह और बड़े साइज वाले RAM खरीदना नहीं चाहते हैं लेकिन कंप्यूटर पर फास्ट काम करना चाहते हैं वैसे यह बात काफी अच्छी है।
इसका दूसरा फायदा यह भी है कि! computar में एक साथ कई एप्लीकेशन खोल करके बिना रुकावट के use कर सकते है! लेकिन virtual memory की एक खामी भी है की हार्ड डिस्क में प्रोग्राम के अधिक पेज फाइल रखने से उन फाइल को प्राप्त करने का Process जो है वह धीमा हो जाता है।
क्योंकि main memory RAM से डाटा access करने के comparison में हार्ड डिस्क data access करने में अधिक समय लगता है! इसीलिए multiple applications को Run करने में थोड़ा टाइम लग जाता है! virtual memory मुख्य रूप से Users के लिए RAM की क्षमता का विस्तार करने की Technique है! virtual memory का उपयोग सभी बड़े ऑपरेटिंग सिस्टम में किया जा सकता है।
पुछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. वर्चुअल मेमोरी क्या है?
Virtual Memory कंप्यूटर की physical memory नहीं है! बल्कि एक ऐसी तकनीक है जो एक बड़ी program को execute करने की permission देती है! जो पूरी तरह से प्राइमरी मेमोरी यानी कि RAM में नहीं रखी जा सकती है! virtual memory ऑपरेटिंग सिस्टम का ही एक भाग है जो कि RAM के कार्य को पूरा करने में हेल्प करता है तथा वह सारी Applications जिन्हें पहले access नहीं कर पा रहे थे उन्हें इस मेमोरी के जरिए अब आसानी से access कर पाएंगे।
इस Process से कंप्यूटर में RAM की साइज को बढ़ाया जाता है! जिससे कंप्यूटर पर एक से ज्यादा programs को चलाते time कम size के RAM की problem से छुटकारा पाया जा सकता है।
प्रश्न 2. वर्चुअल मेमोरी के फायदे क्या है ?
यह virtual memory उस समय बनाया गया था! जब RAM बहुत महंगी हुआ करती थी और कंप्यूटर के सीमित मात्रा में RAM होने की वजह से कंप्यूटर की मेमोरी फुल हो जाती थी! खास कर के जब हम Multiple program को एक ही समय में Run करते थे।
प्रश्न 3. वर्चुअल मेमोरी काम कैसे करता है?
जब भी कंप्यूटर में RAM का Space full होने लगता है! तो कंप्यूटर का operating system उन applications और files की जांच करता है! जो हम अपने system में open रखते हैं! और जो भी फाइल या एप्लीकेशन सिस्टम में minimize होकर रहती है तो! Computer उन सभी को virtual memory में trading files की सहायता से RAM की डाटा को ट्रांसफर कर देती है।
Conclusion
दोस्तो हमने यहा जाना है virtual memory in hindi मे virtual memory kya hai? वर्चुअल मेमोरी काम कैसे करता है? वर्चुअल मेमोरी फायदे क्या है? यह आप को अच्छी तरह से समझ में आया होगा और एक बेहतर समझ बन गई होगी। आशा करते है कि यह जानकारी आप के लिए useful है और अगर आप एक student है तो इस आर्टिकल को अपने दोस्तो से शेयर करना ना भूले ताकि उन तक भी यह जानकारी पाहुच सके कोई सवाल हों तो आप कमेंट कर के पूछ सकते है और ऐसी ही जानकारी पाते रहने के लिए सबस्क्राइब करना न भूले।
धन्यवाद!
इन्हे भी जाने –
Agneepath Yojana 2022: ऑनलाइन आवेदन, पात्रता व अग्निपथ योजना चयन प्रक्रिया
mobile recharge kaise kare 2022 ? Online Mobile Recharge कैसे करें ?
E Aadhar download online । आधार कार्ड डाउनलोड कैसे करें 2022