Generation Of Computer in Hindi | कंप्यूटर पीढ़ियों का परिचय

Generation of computer in Hindi – आज के समय में कंप्यूटर हम मनुष्य के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है क्योंकि आज हर क्षेत्र में सभी प्रकार के काम को करने के लिए कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जा रहा है अगर किसी दिन कंप्यूटर में कोई दिक्कत आ जाती है या फिर बंद हो जाता है तो सभी काम बंद पड़ जाता है वर्तमान समय के कंप्यूटर इलेक्ट्रॉनिक तकनीक पर आधारित है इस इलेक्ट्रॉनिक तकनीक की शुरुआत 1946 में हुआ था।

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Generation Of Computer in Hindi

लेकिन कंप्यूटर का इतिहास बहुत पुराना है शायद आपको यह पता नहीं होगा कि हजारों वर्ष पहले गणना करने के लिए बनाया गया मशीन Abacus था जिसका उपयोग आज के समय में भी स्कूलों में बच्चों को सिखाने के लिए गणना करने के लिए किया जा रहा है आपको बता दें कि कंप्यूटर की शुरुआत हजारों वर्ष पहले ही हो चुकी थी ।

लेकिन इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के शुरू होते ही कंप्यूटर की तकनीकी में क्रांतिकारी परिवर्तन होने लगा और यही तकनीक आज के कंप्यूटर का आधार बन गया है समय-समय पर कंप्यूटर की तकनीकी में जो भी परिवर्तन हुए हैं इन्हीं परिवर्तनों को पीढ़ियों के रूप में विभाजित कर दिया गया है इसके बारे में जानने के लिए इस पोस्ट में अंत तक जरूर बने रहें।

कंप्यूटर की पीढ़ियां | Generation of Computer in Hindi

वर्तमान समय में कंप्यूटर तकनीक का विकास दिन प्रतिदिन बहुत तेजी के साथ बढ़ रहा है कंप्यूटर के विकास में हो रही इस बढ़ोतरी में जो भी जटिल समस्याएं थी उन समस्याओं का समाधान को सरल बना दिया गया है आज के वर्तमान समय में कंप्यूटर से सभी प्रकार के कामों को करना जितना आसान हो गया है उतना ही आसान इसे एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाना क्योंकि आज के कंप्यूटर का आकार मे भी परिवर्तन करके बहुत छोटा कर दिया गया है लेकिन इनकी गति और संग्रह क्षमता कई गुना ज्यादा पहले के मुकाबले हो गया है।

पहला कंप्यूटर ENIAC (electronic numerical integrator and calculator) से लेकर आज तक के कंप्यूटर में समय-समय पर आवश्यकता के अनुसार बहुत परिवर्तन किए गए हैं और एक नई डिवाइस तैयार की गई है कंप्यूटर के इस विकास के क्रम को 5 पीढ़ियों में विभाजित किया गया है जो इस प्रकार से हैं।

  1. प्रथम पीढ़ी के कम्प्युटर (1951 से 1958)
  2. द्वितीय पीढ़ी के कम्प्युटर (1959 से 1964)
  3. तृतीय पीढ़ी के कम्प्युटर (1965 से 1970)
  4. चतुर्थ पीढ़ी के कम्प्युटर (1971 से 1985)
  5. पांचवी पीढ़ी के कम्प्युटर (1985 से अब तक)

यह थे कंप्यूटर के 5 पीढ़ियां आइए अब इन पीढ़ियों के बारे में विस्तार से जानते हैं। 

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प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर | First generation of computer in Hindi

प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटरों में 1951 से 1958 तक के कंप्यूटर को शामिल किया गया है पहला इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर 1946 में अस्तित्व में आया था जिसका नाम (electronic numerical integrator and calculator) ENIAC था इसका आविष्कार J.P.Eckert और J.W.Mauchly ने किया था इस प्रकार के कंप्यूटर को बनाने में वेक्यूम ट्यूब का उपयोग किया गया था।

प्रथम पीढ़ी के एक कंप्यूटर में हजारों वेक्यूम ट्यूब का उपयोग किया जाता था इसलिए इन कंप्यूटर का आकार बहुत बड़ा होता था इनको रखने के लिए बहुत बड़े कमरे की आवश्यकता होती थी और इनको एक बार एक जगह पर रखने के बाद एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाना बहुत मुश्किल था।

इस जनरेशन के कंप्यूटर में ऊर्जा की बहुत ज्यादा खपत होती थी जिसके कारण यह बहुत अधिक गर्म हो जाता था इस पीढ़ी के कंप्यूटर को बिना एयर कंडीशनर के चलाना असंभव था और यदि इसकी स्पीड की बात की जाए तो यह बहुत धीमी गति से काम करता था और उनके द्वारा दिया गया परिणाम भी पूर्ण रूप से सही नहीं होता था। 

प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर को चलाने के लिए कई ऑपरेटर की आवश्यकता होती थी और इसके साथ ही ऑपरेटर को कंप्यूटर चलाने के लिए कंप्यूटर में उपयोग की जाने वाली भाषाओं का ज्ञान होना भी आवश्यक था जो एक बहुत बड़ी चुनौती थी क्योंकि इस जनरेशन में उपयोग की जाने वाली भाषा का ज्ञान हर किसी को नहीं होता था प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर में मशीनी भाषा और असेंबली भाषा का उपयोग किया गया था इस पीढ़ी में ENIAC के अतिरिक्त और भी कई अन्य कंप्यूटरों का निर्माण किया गया था जिनके नाम इस प्रकार से हैं-

प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर

  • EDSAC (electronic delay storage automatic calculator)
  • UNIVAC (universal automatic computer)
  • UNIVAC-1
  • IBM 701  (international business Machine)
  • IBM 650

कंप्यूटर की पहली पीढ़ी के लाभ (advantages of first generation of computer)

  1. इन कंप्यूटरों में मुख्य रूप से वेक्यूम ट्यूब अर्थात निर्वात नली का उपयोग किया गया था।
  2. इन कंप्यूटरों में स्टोरेज के लिए मैग्नेटिक ड्रम का उपयोग किया जाता था।
  3. डाटा को सुरक्षित रखने के लिए पंच कार्ड का उपयोग होता था।
  4. इस पीढ़ी के कंप्यूटर में मशीनी और असेंबली भाषा का प्रयोग होता था जहां पर सभी कमांड तथा डाटा जीरो और एक के रुपए में दिया जाता था।

कंप्यूटर की पहली पीढ़ी के नुकसान (advantages of first generation of computer)

  1. यह कंप्यूटर आकार में बहुत बड़ा होता था जो लगभग एक कमरे के बराबर था।
  2. यह कंप्यूटर बहुत ज्यादा गर्म होते थे।
  3. यह कंप्यूटर बहुत ही धीमी गति से कार्य करते थे।
  4. यह कंप्यूटर बहुत ही नाजुक और कम विश्वसनीय वाले थे।
  5. इन कंप्यूटर की गति वर्तमान कंप्यूटर की तुलना में बहुत ही कम थी।
  6. इस पीढ़ी के कंप्यूटर को चलाने के लिए एयर कंडीशनर का उपयोग करना बहुत आवश्यक होता था।

द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर | Second Generation of Computer in Hindi

द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर मे 1959 से 1964 तक के कंप्यूटर को शामिल किया गया है इस पीढ़ी के कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर का उपयोग किया गया था जो Vacuum Tubes से बहुत अच्छे थे ट्रांजिस्टर इस पीढ़ी के कंप्यूटर का मुख्य घटक था ट्रांजिस्टर का आविष्कार विलियम सोकले (William shockley) तथा उनके सहयोगी वैज्ञानिक टीम ने 1947 में अमेरिका में किया था।

ट्रांजिस्टर का आविष्कार दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के लिए किसी वरदान से कम नहीं था क्योंकि ट्रांजिस्टर का उपयोग होने से कंप्यूटर के क्षेत्र में बहुत बड़ी क्रांति आ गई थी इस पीढ़ी के कंप्यूटर का उपयोग करना पहले की अपेक्षा बहुत आसान हो गया था द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर का आकार प्रथम पीढ़ी की तुलना में कम हो गया था और हिंदी प्रोसेसिंग की गति में भी वृद्धि हो गई थी इस कारण इनका उपयोग प्रथम पीढ़ी की तुलना में अधिक किया जाने लगा था।

दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर की सबसे बड़ी बात यह है है कि इन कंप्यूटर को चलाने के लिए एक से दो व्यक्ति पर्याप्त होते थे लेकिन अभी भी यह कंप्यूटर आकार में बहुत बड़े ही थे और इन को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना आसान नहीं था इस पीढ़ी के कंप्यूटर प्रथम पीढ़ी की अपेक्षा अधिक विश्वसनीय थे क्योंकि इनके द्वारा दिया गया रिजल्ट सही होता था दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में Fortran cobol,algol,snobal जैसी उच्च स्तरीय भाषाओं का उपयोग किया गया था।

द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण (example of second generation of computer)

  • IBM 7094
  • UNIVAC 1108
  • Honeywell 400
  • CDC 1604
  • CDC 3600

कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी के लाभ ( advantages of second generation of computer)

  1. द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर का उपयोग किया गया था जिससे कंप्यूटर का आकार पहले की तुलना में छोटा हो गया था।
  2. द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर की गति पहले की अपेक्षा अधिक थी एवं यह विश्वसनीय थे।
  3. डाटा को सुरक्षित रखने के लिए पंच कार्ड के साथ-साथ मैग्नेटिक टेप और डिस्क का प्रयोग किया जाता था।
  4. कंप्यूटर में डाटा संग्रहित रखने के लिए मैग्नेटिक ड्रम के स्थान पर मैग्नेटिक कोर internal memory का उपयोग होता था।
  5. इस पीढ़ी के कंप्यूटर में मशीनी भाषा के स्थान पर उच्च स्तरीय भाषा का उपयोग किया गया था जैसे FORTRAN, COBOL

कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी के हानी (Disadvantages of second generation of computer)

  1. यह कंप्यूटर आकार में बहुत बड़े होने के कारण एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में बहुत परेशानी होती थी।
  2. इन कंप्यूटरों का रखरखाव बहुत ज्यादा कठिन था इस कारण प्रत्येक यूजर इन का उपयोग नहीं कर पाता था।
  3. इन कंप्यूटरों को चलाने के लिए उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाओं का ज्ञान हर किसी को नहीं होता था।
  4. इन कंप्यूटर को ठंडा रखने के लिए वातानुकूलित कमरे की आवश्यकता होती थी।

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तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर | Third Generation of Computer in Hindi

तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर में 1965 से 1970 तक के कंप्यूटर को रखा गया है तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के आने से कंप्यूटर के क्षेत्र में बहुत ज्यादा विकास हुआ इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में ट्रांजिस्टर के स्थान पर IC (integrated circuit ) का उपयोग किया जाने लगा था IC (integrated circuit) चिप का आविष्कार Texas instrument company के इलेक्ट्रिकल इंजीनियर Jack kilby के द्वारा सन 1958 में किया गया था इनके द्वारा किए गए IC के अविष्कार से कंप्यूटर में बहुत बड़ा बदलाव आ गया।

IC का उपयोग से कंप्यूटर का आकार बहुत छोटा हो गया था और इस पीढ़ी के कंप्यूटर की स्पीड भी पहले दोनों पीढ़ियों के कंप्यूटर की अपेक्षा बहुत तेज हो गई थी इनके द्वारा दिया गया रिजल्ट भी बहुत अधिक विश्वसनीय हो गया था और इनके रखरखाव भी बहुत आसान हो गया था इन कंप्यूटर में ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग होने लगा था जिसके कारण सभी को कंप्यूटर समझने में आसानी हो गई थी इस पीढ़ी के कंप्यूटर में काम करने के लिए फोर्ट्रन जैसे हाई लेवल लैंग्वेज का उपयोग किया गया था।

तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण (examples of third generation of computer)

  • Programmable data processor 1( PDP 1)
  • Programmable data processor 5
  • PDP 8
  • ICL 2903
  • ICL 1900
  • UNIVAC 1108

कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी के लाभ (advantages of third generation of computer)

  1. तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर के स्थान पर IC का उपयोग किया गया था।
  2. द्वितीय पीढ़ी के अपेक्षा यह ज्यादा विश्वसनीय थे।
  3. उच्च स्तरीय भाषा का प्रयोग किया गया था।
  4. काम करने की क्षमता तेज हो गई थी।
  5. इस पीढ़ी के कंप्यूटर को एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी के साथ रखा जा सकता था।
  6. इस पीढ़ी के कंप्यूटर को नियंत्रित करने के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किया गया था ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग होने से सिस्टम के सभी आंतरिक कार ऑटोमेटिक हो गए थे।

कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी के हानि (disadvantages of third generation of computer)

  1. एयर कंडीशनर वातावरण की आवश्यकता।
  2. यह कंप्यूटर केवल विशेष उद्देश्यों को ही पूरा करते थे।
  3. आईसी चिप के निर्माण के लिए आवश्यक तकनीकी बहुत जटिल थी।

चतुर्थ पीढ़ी के कंप्यूटर | Fourth Generation of Computer in Hindi

चतुर्थ पीढ़ी में 1971 से 1985 के बीच के कंप्यूटर को रखा गया है इस पीढ़ी के कंप्यूटर में आईसी चिप के स्थान पर VLSI (very large scale integrated) चिप का प्रयोग किया गया है जिसे माइक्रोप्रोसेसर कहा जाता है इस टेक्नोलॉजी में एक ही चिप पर 30,000 कंपोनेंट्स को इंटीग्रेट करना संभव हो गया था VLSI के आने से CPU (सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट) को एक ही चिप पर लाना संभव हो गया। 

इस पीढ़ी के कंप्यूटर में ग्राफिकल यूजर इंटरफेस पर आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किया गया जिसके कारण यह अंकगणितीय और लॉजिकल कार्य करने के लिए बहुत ही आसान हो गया माइक्रोप्रोसेसर के आ जाने से कंप्यूटर को माइक्रो कंप्यूटर का रूप मिला यह MITS कंपनी द्वारा बनाया गया पहला माइक्रो कंप्यूटर ALTAIR 800 था इन कंप्यूटरों को समझना बहुत ही आसान हो गया था इसलिए इन कंप्यूटरों को user-friendly कंप्यूटर कहा गया।

आज भी माइक्रो प्रोसेसर कंप्यूटर का प्रयोग किया जा रहा है इन कंप्यूटरों को नेटवर्क के द्वारा एक दूसरे से जोड़ा जा सकता है इन कंप्यूटर का आकार बहुत ही छोटा होता है जिसके कारण आप इन कंप्यूटर को एक टेबल पर रख कर भी किसी भी कार्य को कर सकते हैं इन कंप्यूटरों को पर्सनल कंप्यूटर के नाम से भी जाना जाता है।

पहला पर्सनल कंप्यूटर IBM (international business Machine) कंपनी ने विकसित किया था इस पीढ़ी में माउस का प्रयोग शुरू हो गया था जिसके कारण कंप्यूटर की प्रसिद्धि को एक क्रांतिकारी रूप मिला चतुर्थ पीढ़ी में प्रोग्राम लिखने के लिए उच्च स्तरीय भाषाओं का प्रयोग किया जाने लगा जैसे C, C++, JAVA, VISUAL BASIC आदि

चतुर्थ पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण (examples of fourth generation of computer)

  • IBM 4341
  • STAR 1000
  • DEC 10
  • ZX SPECTRUM
  •  DPD 11
  • Macintosh
  • CRAY1 (supercomputer)
  • CRAY-XMP (supercomputer)

कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी के लाभ  (Advantages of fourth generation of computer)

  1. इस पीढ़ी के कंप्यूटर में भी VLSI चिप का प्रयोग किया गया था जिसके कारण कंप्यूटर का आकार बहुत छोटा हो गया था।
  2. डाटा को सुरक्षित रखने के लिए मैग्नेटिक कोर के स्थान पर सेमीकंडक्टर मेमोरी का प्रयोग किया जाने लगा था।
  3. स्पीडी में ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ साथ काम करने के लिए कई एप्लीकेशन प्रोग्राम सॉफ्टवेयर तैयार किए गए जैसे वर्ड प्रोसेसिंग स्प्रेडशीट डाटाबेस आदि मे काम करना आसान हुआ।
  4. इन कंप्यूटर का कीमत कम हो गया था जिसके कारण इनका अधिक उपयोग किया जाने लगा।
  5. इन कंप्यूटर को बहुत कम एयर कंडीशनर वातावरण की आवश्यकता होती थी।

कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी के हानि (disadvantages of 4th generation of computer)

  1. माइक्रोप्रोसेसर चिप के खराब होने की संभावना बहुत अधिक होती थी।
  2. नेटवर्क का विकास होने से संक्रमण संभावना होने लगी थी।
  3. इंटरनेट की आवश्यकता बढ़ गई।
  4. मल्टीमीडिया जैसे काम होने के कारण अधिक मेमोरी की आवश्यकता पड़ती थी।

पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर | Fifth Generation of Computer in Hindi

सन 1985 के बाद से अब तक और आगे आने वाले भविष्य में भी सभी कंप्यूटर को पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर में रखा गया है इस पीढ़ी के कंप्यूटर में कृत्रिम बुद्धिमत्ता  AI (artificial intelligence) का प्रयोग करके इनको बुद्धिमान बनाने का प्रयास किया जा रहा है जिससे voice recognition एवं इमेज को कंट्रोल करने का कार्य तीव्र गति से किया जा सके।

इस पीढ़ी के कंप्यूटर में VLSIC के स्थान पर ULSIC (ultra large scale integrated circuit) चिप का माइक्रो प्रोसेसर के रूप में उपयोग किया गया है इस नई तकनीक के कारण माइक्रो प्रोसेसर के आकार और कार्य करने की क्षमता में भी बहुत ज्यादा बिजी हो गई है जिससे इन कंप्यूटर का उपयोग मुख्य रूप से accounting, engineering, researchers, defence आज क्षेत्र में किया जा रहा है।

पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर के बारे में बात किया जाए तो इस पीढ़ी में उपयोग किए जाने वाले मुख्य सॉफ्टवेयर windows 95, C++, visual basic, Java आदि हैं

पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण (examples of fifth generation of computer)

  • Desktop
  • Laptop
  • Notebook
  • Ultrabook
  • Chromebook
  • Palmtop
  • Param super computer

कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी के लाभ  (Advantages of 5th generation of computer)

  1. इन कंप्यूटर का आकार बहुत छोटा होने के कारण इन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी के साथ ले जाया जा सकता था।
  2. पहले की तुलना में इन कंप्यूटर की Heating कम हो गई थी जिसके कारण कंप्यूटरों पर कई घंटों तक लगातार काम किया जा सकता है।
  3. इन कंप्यूटर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सुविधा होने के कारण इनमें निर्णय लेने की क्षमता स्वयं होती है।
  4. इस पीढ़ी के कंप्यूटर का मल्टीमीडिया के क्षेत्र में बहुत विकास हुआ जैसे साउंड इमेज टेस्ट ग्राफ आदि।
  5. इस पीढ़ी के कंप्यूटर की स्टोरेज क्षमता बहुत ज्यादा होती है।
  6. इस पीढ़ी के कंप्यूटर में उच्च स्तरीय भाषाओं का प्रयोग या जाता है जैसेC,C++,ASP.Net, Java Python आदि।
  7. इस पीढ़ी में मुख्य रूप से भारत में निर्मित PARAM सुपर कंप्यूटर शामिल हैं।

कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी के हानि (disadvantages of 5th generation of computer)

  1. यह कंप्यूटर मनुष्य के मस्तिष्क को बहुत ही सुस्त एवं कमजोर बना देते हैं।
  2. मनुष्य का पूरी तरह कंप्यूटर पर निर्भर होने से स्वविवेक की कमी हो जाती है।

Generation of Computer in Hindi FAQs

कंप्यूटर की जनरेशन कितनी है?

अब तक कंप्यूटर की 5 जनरेशन हो चुके है। वर्तमान समय मे जो कंप्यूटर चल रहे है वो 5th generation के computer है।

कंप्यूटर की 5 पीढ़ियां कौन कौन सी है?

कंप्यूटर की 5 पीढ़ियां इस प्रकार से है-
पहली पीढ़ी 1951-1958 वैक्यूम ट्यूब पर आधारित है।
दूसरी पीढ़ी 1959-1964 ट्रांजिस्टर पर आधारित है।
तीसरी पीढ़ी 1965-1970 एकीकृत/इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) पर आधारित है।
चौथी पीढ़ी 1971-1980 वीएलएसआई (VLSI) माइक्रोप्रोसेसर पर आधारित है।
पांचवीं पीढ़ी 1980 के बाद युएलएसआई (ULSI) माइक्रोप्रोसेसर पर आधारित है।

कंप्यूटर का जनक कौन है?

चार्ल्स बैबेज को “कंप्यूटर का जनक “(फादर ऑफ कम्प्यूटर ) माना जाता है। चार्ल्स बैबेज एक गणितज्ञ, दार्शनिक, आविष्कारक और यांत्रिक इंजीनियर थे, जो वर्तमान में सबसे अच्छे कंप्यूटर प्रोग्राम की अवधारणा के उद्धव के लिए जाने जाते हैं या याद किये जाते है।

सबसे छोटे आकार के कंप्यूटर किस पीढ़ी में आए?

सबसे छोटे आकार के कंप्यूटर चौथी पीढ़ी मे आए गए थे।

सुपर कंप्यूटर का निर्माण किस पीढ़ी मे हुआ था?

विश्व का पहला सुपर कंप्यूटर चौथी पीढ़ी मे Seymeur Cary के द्वारा बनाया गया था जिस सुपर कंप्यूटर का नाम Cray I है।

निष्कर्ष

इस पोस्ट मे कंप्यूटर की पीढ़ी से जुड़ी हुई सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को बताया गया है हमें उम्मीद है कि आपको कंप्यूटर की सभी पीढ़ी Generation of Computer in Hindi के बारे में अच्छी तरह से समझ आ गया होगा, यह जानकारी आप लोगों को कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएं और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शेयर करें। पोस्ट को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद।

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