Pin code kya hai: अपना पिन कोड पता करें 2 मिनट में [2023]

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आज हम किस आर्टिकल में Pin code के बारे में जानेंगे की Pin code kya hai और Pin code kya hota hai. पिन कोड को लेकर हमारे मन मे कई सवाल होते है जैसे इसकी आवश्यकता हमें कब पड़ती है, पिन कोड का फुल फॉर्म क्या होता है, किसी भी जगह का पिन कोड कैसे पता किया जा सकता है आदि। जब हमें किसी को चिट्ठी या कोई सामान भेजना होता है तब हमें उसे रिसीव करने वाले का नाम, पता के साथ वह जिस एरिया (जगह) में रहता है उस एरिया का पिन कोड की हमें आवश्यकता पड़ती है। 

Pin code kya hai: अपना पिन कोड पता करें 2 मिनट में [2023]

क्योंकि बिना पिन कोड के उस जगह की सही तरह से पहचान कर पाना बहुत कठिन होता है Pin code kya hai इसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें आइए अब जानते हैं

Pin code kya hai

Pin code kya hai: Pin code को Zip code या Postal code भी कहा जाता है यह एक प्रकार का 6 अंको का Unique (यूनिक) नंबर होता है जिसका उपयोग पोस्ट ऑफिस Indian post office का पता लगाने के लिए किया जाता है postal index number को संक्षिप्त रूप में Pin code (पिन कोड) कहा जाता है भारत में इस पिन कोड की शुरुआत 15 अगस्त 1972 को किया गया था।

पिन कोड का फुल फॉर्म

पिन कोड का फुल फॉर्म postal index number होता है जिसे short मे PIN कहते हैं। 

पिन कोड का इतिहास

PIN सिस्टम की शुरूआत सबसे पहले 15 अगस्त 1972 को Shriram bhikaji velankar के द्वारा किया गया था जो उस समय union ministry of communication के एडिशनल सेक्रेटरी थे उस समय संदेश को भेजने और मैनुअली रूप से sorting करने में बहुत ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता था जिसके कारण इस प्रकार का सिस्टम लागू किया गया जिससे कई प्रकार के कन्फ्यूजन को दूर किया जा सका जैसे incorrect address एक प्रकार की जगह का नाम और लोगों के द्वारा उपयोग किए जाने वाले अलग-अलग प्रकार की भाषाएं। 

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पिन कोड कैसे पता करें

यदि आप पिन कोड के बारे में यह नहीं जानते हैं कि Pin code कैसे पता किया जाता है और यह जानने के इच्छुक हैं तो इसका प्रोसेस नीचे स्टेप बाय स्टेप बताया गया है जिसको फॉलो करके आप किसी भी जगह का पिन कोड आसानी के साथ जान सकते हैं। 

  • सबसे पहले आपको कम्प्युटर या मोबाइल मे किसी भी ब्राउज़र को ओपन करना होगा।
  • ब्राउज़र ओपन होने के बाद pin code finder लिखकर सर्च करें और वेबसाइट को ओपन कर ले।
  • अब आपके सामने इसका होम पेज दिखाई देने लगेगा।
  • यहां पर सबसे पहले अपने राज्य का नाम चयन करें।
  • इसके बाद अपने जिले का नाम चयन करें।
  • इसके बाद अपने गांव या शहर का अल्फाबेट नंबर को चुने।
  • फिर आपने गांव का नाम को सेलेक्ट कर ले जहां का पिन कोड आप देखना चाहते हैं।
  • इसके बाद सबमिट बटन पर क्लिक करे।

यह प्रोसेस कर लेने के बाद आपके सामने उस गांव या शहर का पिन कोड दिखाई देने लगेगा इस प्रकार से आप बहुत ही आसानी के साथ किसी भी शहर या गांव का पिन कोड पता कर सकते हैं। 

ऐप से पिन कोड कैसे देखें

अगर आप app के द्वारा पिन कोड देखना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे पहले आपको अपने मोबाइल में एक एप्लीकेशन डाउनलोड करना होगा इसका प्रोसेस नीचे बताया गया है-

  • सबसे पहले आप अपने मोबाइल फोन में प्ले स्टोर को ओपन करके पिन कोड सर्च ऐप डाउनलोड करके इंस्टॉल कर ले। 
  • इसके बाद ऐप को ओपन करें उसमे मांगी गई जानकारी को सेलेक्ट करें। 
  • जैसे अपना स्टेट चुने, इसके बाद अपना जिला चुनें और अपने गांव का नाम चुने, इसके बाद सर्च बटन पर क्लिक करें। 
  • क्लिक करने के बाद आपको उस जगह का पिन कोड दिखाई देने लगेगा। 

इस प्रकार से आप app की सहायता से किसी भी गांव या शहर का पिन कोड नंबर देख सकते हैं। 

पिन कोड का मतलब क्या होता है

यह तो आप अब जान ही गए हैं कि Pin code 6 अंक का होता है लेकिन आप यह नहीं जानते होंगे कि इन 6 अंकों का अलग-अलग मतलब होता है आइए जानते हैं इन अंको का क्या मतलब होता है-

  • पिन कोड का पहला अंक zone या फिर किसी region को दर्शाता है। 
  • पिन कोड का दूसरा अंक sabzone को दर्शाता है।  
  • तीसरे अंक को जब पहले और दूसरे अंक के साथ कंबाइन किया जाता है तब यह sorting district को दर्शाता है जो उस zone के अंतर्गत आता है। 
  • लास्ट के 3 अंक individual post office को दर्शाता है जो उस sorting district के अंतर्गत आता है या कहे तो यह डिलीवरी पोस्ट ऑफिस की ओर रिफर करता है।

भारत के postal zones कौन – कौन से है

भारत में 9 postal zones मौजूद हैं जिनमें से 8 regional zones मे आते हैं और एक functional zone मे आता है जो खास रूप से इंडियन आर्मी के लिए है। पिन कोड की पहला अंक इसी zone को दर्शाता है आइए जानते हैं इन 9 zones के बारे में जो नीचे बताया गया है।

PIN का पहला अंक Zone
1 Delhi, Haryana, Punjab, Himachal Pradesh, Jammu and Kashmir, Ladakh, Chandigarh
2 Uttar Pradesh, Uttarakhand
3 Gujarat, Rajasthan, Daman and Diu, Dadra and Nagar Haveli
4 Chhattisgarh, Maharashtra, Goa, Madhya Pradesh
5 Karnataka,Telangana, Andhra Pradesh
6 Tamil Nadu, Kerala, Puducherry, Lakshadweep
7 Meghalaya, Andaman and Nicobar Islands, West Bengal, Odisha, Arunachal Pradesh, Nagaland, Manipur, Mizoram, Tripura, Assam, Sikkim
8 Bihar, Jharkhand
9 Army Post Office (APO), Field Post Office (FPO)

Sorting district kya hai

पिन कोड की तीसरी डिजिट को जब पहले और दूसरे डिजिट के साथ कंबाइन किया जाता है तब यह एक specific geographical region को दर्शाता है जिसे sorting district कहा जाता है। यह sorting district असल में हेड क्वार्टर होता है उस region के जो किसी बड़े शहर की मेन पोस्ट ऑफिस होता है एक राज्य में एक या एक से अधिक sorting district हो सकता है और यह इस बात पर निर्भर करता है कि वहां पर कितना मेल आ रहा है।

Service route kya hai

पिन कोड का चौथा डिजिट service route को दर्शाता है जिसमें एक sorting district मे delivery office की लोकेशन को दर्शाता है उन ऑफिस के लिए यह संख्या जीरो (0) होती है जो sorting district के कोर एरिया में स्थित होता है।

Delivery office kya hai

Pin code के अंतिम 2 डिजिट एक sorting district  की डिलीवरी ऑफिस को दर्शाता है इसकी शुरुआत 01 से होती है जो जनरल पोस्ट ऑफिस या हेड ऑफिस की होती है डिलीवरी ऑफिस की नंबरिंग एक निर्धारित ऑर्डर में किया जाता है जिसमें नए डिलीवरी ऑफिस को ऊंची संख्या से assign किया जाता है। 

एक डिलीवरी ऑफिस में जब मेल की संख्या बहुत ज्यादा हो जाती है जिसे वह संभाल नहीं पाता है तब एक नई डिलीवरी ऑफिस क्रिएट किया जाता है और अगली उपलब्ध पिन कोड में assign कर दिया जाता है यह दोनों डिलीवरी ऑफिस अगल-बगल मौजूद होते हैं और उनके पहले 4 अंक एक समान होता है। 

पिन कोड का महत्व

आइए अब जानते हैं पिनकोड के महत्व के बारे में-

  • प्रत्येक पिन कोड इंडियन पोस्ट नेटवर्क की एक यूनिक और exclusive (विशेष) डिलीवरी पोस्ट ऑफिस को दर्शाता है जिससे भेजी गई सभी चीजें उसी पोस्ट ऑफिस पर ही पहुंचती है। 
  • पार्सल या अन्य कोई पोस्ट जिनको एक ट्रांसपोर्ट ऑफिस में एक्सेप्ट किया जाता है उन्हें सही तरीके से उस में लिखी गई एड्रेस और पिन के आधार पर व्यवस्थित किया जाता है जिससे यह पोस्ट आसानी से सही जगह पर पहुंच सके। 
  • भारत में पिन कोड का उपयोग एड्रेस की पहचान करने के लिए किया जाता है। 
  • पिन कोड का उपयोग करने से पोस्टल डिलीवरी सिस्टम की proficiency (कुशलता) बढ़ रही है क्योंकि अब किसी भी डाक को आसानी से अलग-अलग कैटेगरी में छाँट कर वितरित किया जाने लगा है।
  • पिन कोड का उपयोग करने से एड्रेस का कन्फ्यूजन दूर हो गया है। 
  • पिन कोड के इस्तेमाल से डाकिया का काम बहुत आसान हो गया है।

पिन कोड से संबंधित पूछे जाने वाले प्रश्न

अपना पिन कोड नंबर कैसे पता करें?

अपना पिन कोड नंबर पता करने के लिए गूगल मे pin code finder लिखकर सर्च करें वेबसाइट खुलने पर अपना राज्य, जिला, शहर या गाँव चुने और captcha code लिख कर सर्च बटन पर क्लिक करे आप को आप का पिन कोड मिल जाएगा।

पिन कोड कितने अंक का होता है?

पिन कोड 6 अंको का होता है।

पिन कोड की शुरुआत कब हुई थी?

पिन कोड की शुरूआत भारत मे सबसे पहले 15 अगस्त 1972 को Shriram bhikaji velankar के द्वारा किया गया था।

पिन कोड का पूरा नाम क्या है?

पिन कोड का पूरा नाम postal index number है।

निष्कर्ष

हमने अभी पिन कोड के बारे में जानकारी प्रदान की है Pin code kya hota hai, Pin code kya hai, इसका महत्व क्या है, पिन कोड कितने अंको का होता है और इन अंकों का क्या मतलब होता है, पिन कोड कैसे पता कर सकते हैं यह सभी जानकारियां इस पोस्ट Pin code kya hai मे बताया गया है। हमें उम्मीद है की यह पोस्ट आपको जरूर पसंद आया होगा और कुछ नया जानने को मिला होगा, यह पोस्ट आप लोगों को कैसी लगी कमेंट करके हमें जरूर बताएं और ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर जरूर करें जिससे pin code से जुड़ी समस्त जानकारी लोगो तक पहुँच सके।

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