हर सुबह खाली पेट नीम की पत्ती खाने के फायदे, उपयोग व नुकसान

आज की इस पोस्ट में Neem ke fayde के बारे में बताने वाले हैं नीम के पेड़ के बारे में आप लोग तो जानते ही होंगे और इसका उपयोग भी किया होगा नीम का उपयोग आप लोगों ने दातौन के रूप में या फिर नीम के पत्तियों का उपयोग पानी में उबालकर नहाने के लिए किया होगा लेकिन इनके अलावा भी नीम का उपयोग आयुर्वेद में भी किया जाता है। 

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नीम का पेड़ हमारे जीवन के लिए बहुत फायदेमंद होता है नीम के पेड़ की सभी चीजें पत्तियां, फूल, फल, नीम की छाल, सभी चीजें हमारे लिए बहुत उपयोगी होती हैं Neem ke fayde in hindi के बारे में जानने के लिए इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें जिससे कि Neem ke fayde in hindi के बारे में पूरी जानकारी पा सकें। 

neem ke fayde

नीम क्या है

नीम का पेड़ एक बहुत बड़ा पेड़ होता है और यह कई जगहों में पाया जाता है नीम को उसके कडवेपन के कारण जाना जाता है भारत में नीम को सर्व रोग निवारिणी के नाम से भी जाना जाता है जिसका अर्थ होता है सभी रोगों को दूर करने वाला इसके अलावा नीम को एक और नाम से भी जाना जाता है और वह है अरिष्ठा जिसका अर्थ होता है बीमारियों से राहत देने वाला। 

इसके अलावा आयुर्वेद में नीम का उपयोग कई दवाइयों को बनाने में किया जाता है इसकी जड़ों से लेकर तने तक और फूल से लेकर फल तक का उपयोग कई प्रकार की दवाइयों को बनाने में किया जाता है पारंपरिक दवाइयों में कुछ विशेषज्ञ नीम के पेड़ को पेड़ फार्मेसी कहते हैं वानस्पतिक विज्ञान में नीम की पत्तियों को आज़ादीरचता इंडिका वर्ग में वर्गीकृत किया गया है जो उस पेड़ में बढ़ती है। 

नीम का पेड़ मेलिशिया और महोगोनी परिवार के हैं नीम के पाउडर में कार्बनिक और फायदेमंद योगिक का एक अनोखा गुण पाया जाता है जिसके कारण इससे जो भी उत्पाद बनाया जाता है वह हर्बल उपायों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है नीम को भारतीय संस्कृत में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण और बहुमुखी पौधों में गिना जाता है Neem ke fayde in hindi इतने ज्यादा हैं कि इनसे कई सारी बीमारियों को दूर करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है आइए अब जानते हैं कि Neem ke fayde क्या क्या होते हैं। 

नीम का अन्य भाषाओं में नाम

नीम का वानस्पतिक यानी लैटिन भाषा में azadirachta Indica तथा syn melia Indica brantis है अंग्रेजी और अन्य भाषाओं में इसका नाम इस प्रकार हैं-

हिंदी (Hindi) नीम, निम्ब
अंग्रेजी (Engilsh) मार्गोसा, ट्री
संस्कृत (sanskrit) शुकप्रिय, पिचुमर्द, पिचुमंद, सर्वतोभद्र, मालक, अर्कपादप, छर्दन, काकुल, निंबक, गजभद्रक, सुमना, धमन, अग्निधमन
उड़िया नीमो, निम्ब
उर्दू (Urdu) नीम
कन्नड़ निम्ब, बेवू
गुजराती लिम्बा, कोहुम्बा
तेलगु वेमू, वेपा
तमिल बेम्मू, वेप्पु
बंगाली निम, निमगाछ
नेपाली
नीम 
पंजाबी निप, बकम, निम्ब
मराठी बालंतनिम्ब
मलयालम
वेप्पू, निम्बम

Neem ke fayde

हमारे अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करना और परिवार की देखभाल करने के लिए आज के समय में अपना लक्ष्य बना लिया है दुनिया भर में कई किस्म के लाखों-करोड़ों पेड़ पौधे हैं जो हमें केवल भोजन ही नहीं देते हैं बल्कि इनका उपयोग दवाइयों के रूप में भी किया जाता है ऐसे ही इनमें से एक है नीम का पेड़, मानव जीवन के कई बीमारियों को ठीक करने के लिए नीम के पेड़ की जड़ी बूटियां काफी मददगार साबित हो सकती हैं। 

नीम का पेड़ एक अनोखा पेड़ है और इसकी पत्तियां पृथ्वी पर पाए जाने वाले सबसे जटिल पत्तियों में से एक है नीम के पेड़ में कई जैविक रूप में सक्रिय योगिक पाया जाता है जो कई बीमारियों को ठीक करने में दवाइयों के रूप में उपयोग किया जाता है आइए जानते हैं की Neem ke fayde कौन-कौन से होते हैं और इनका लाभ कैसे उठा सकते हैं। 

नीम के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी

  • नीम को भारत के गांव में दवाखाना कहा जाता है। 
  • नीम का प्रतिदिन सेवन करने से यह हमें कई रोगों से दूर रखने मैं सहायक होता है। 
  • नीम को एंटीबैक्टीरियल पेड़ पौधों के रूप में जाना जाता है। 
  • नीम कैंसर जैसी कई अन्य बीमारियों को रोकने में भी काम आता है। 
  • नीम के पत्तों में 150 से ज्यादा रसायनिक गुण पाया जाता है। 

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Neem ke fayde और उपयोग 

Neem ke fayde में नीम के पेड़ की सभी चीजें जैसे तना की छाल, फल, फूल, पत्ते इन सभी का उपयोग किया जाता है इनकी जड़ी बूटियां बनाकर मानव स्वास्थ्य के लिए उपयोग किया जाता है। 

एंटीबैक्टीरियल क्षमता

Neem ke fayde के बारे में एक शोध में बताया गया है कि नीम का पाउडर, नीम का तेल, नीम की पत्तियां, नीम की छाल और नीम से बने अन्य उत्पाद मे जीवाणु रोधी और एंटीमाइक्रोबियल गुण होता है जो हमारे शरीर के बाहरी और आंतरिक हिस्सों को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इस कारण से नीम को इम्यून सिस्टम के लिए एक सामान्य टॉनिक माना जाता है यह मानव शरीर के स्वास्थ्य को अच्छी तरह से संरक्षित रखने का एक सबसे अच्छा तरीका है यह आमतौर से त्वचा संबंधी रोगों के इलाज के लिए किया जाता है लेकिन इसका प्रभाव इससे कहीं ज्यादा है। 

रूसी खत्म करने के लिए Neem ke fayde

Neem Ke Patte Ke Fayde नीम के औषधीय गुणों पर 2011 में एक शोध किया गया जिसमें यह पता चला कि नीम में एंटीफंगल और जीवाणु रोधी गुण मौजूद है जिससे शैंपू और स्केलप क्लीनर मे बहुत लोकप्रिय बनाता है और ऐसा इसलिए है क्योंकि यह बालों की त्वचा को मजबूत बनाते समय हाइड्रेटेड रहने और डैंड्रफ को दूर करने में मदद करता है नीम में एंटी ऑक्सीडेंट मौजूद होने के कारण यह बालों के रोम के स्वास्थ्य में सुधार करता है यह बालों के बढ़ने में सहायक होने साथ साथ गंजापन को रोकने के लिए भी पारंपरिक दवाइयों में उपयोग किया जाता है। 

शरीर को डिटॉक्सिफाई करें

Neem ke fayde नीम का चाहे आप जिस रूप में भी उपयोग करें पाउडर, पेस्ट, पत्तियां, सप्लीमेंट में या फिर किसी अन्य रूप में इसमें मौजूद तत्व विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में सहायक होता है नीम लीवर को उत्तेजित करता है जिसके कारण मौजूद विषाक्त पदार्थों को दूर करने और शरीर की मेटाबॉलिज्म गतिविधियों को अनुकूलित करने में सहायक होता है हमारे शरीर में रोगाणुओं, सूक्ष्मजीवों, धूल, मिट्टी और घास के कारण प्रतिदिन हमारी त्वचा पर एक प्रकार का डिट्रिटस जमा हो जाता है नीम के पत्ते का पेस्ट इन रसायनों रोग जन को और गंदगी को दूर करने में मदद करता है जो जलन व बीमारी का कारण होता है। 

मुंहासों को दूर करने के लिए Neem ke fayde

Neem Ke Patte Ke Fayde नीम का पेस्ट चेहरे पर आने वाले बहुत ज्यादा तेल और बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए उपयोग किया जाता है जो इन मुहांसों को और अधिक बढ़ा सकता है नीम की जीवाणु रोधी प्रकृति मुहांसों को भविष्य में आने से रोकने में सहायक होता है इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट स्कार्फिंग को कम करने में सहायता करता है और त्वचा को ताजा और साफ रखता है नींद में एस्ट्रिजेंट गुण भी पाया जाता है जो त्वचा की झुर्रियां और उम्र बढ़ने की संभावना को कम कर देता है और यह नीम के तेल में फैटी एसिड के साथ-साथ विटामिन ई होने के कारण होता है। 

गैस्ट्रिक स्वास्थ्य में सुधार करता है Neem ke fayde

नीम का उपयोग करने से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में सूजन मे कमी के साथ जुड़ा होता है जो अल्सर को कम करने और कब्ज, सूजन और क्रैंपिंग जैसे अन्य दाँतो की समस्याओं को दूर करने में सहायता करता है इसका उपयोग पेट फ्लू और अन्य इन्फेक्शन के उपचार में एंटीडोट के रूप में किया जा सकता है। 

पुरानी बीमारियों से बचाता है Neem ke fayde

Neem Ke Patte Ke Fayde नीम की पत्तियों में एंटीऑक्सीडेंट का उच्च स्तर मौजूद होता है जो कुछ प्रकार के कैंसर को बढ़ने की संभावना को कम कर देता है एंटी ऑक्सीडेंट मुक्त कणों को निष्क्रिय कर देता है जो सेलुलर मेटाबोलिज्म के खतरनाक उपज होता है जो शरीर में कैंसर और पुरानी बीमारियों का कारण बन सकता है एंटी ऑक्सीडेंट कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम को स्वच्छ और नियंत्रित रखता है जो कैंसर और हृदय रोग होने के खतरे को कम करता है। 

पिंपल्स को दूर करने मे Neem ke fayde

नीम मे एक्सफोलिएटिंग गुण पाया जाता है नीम के पेस्ट को जब फेस मास्क की तरह लगाया जाता है तो यह एक अच्छे एक्सफोलिएंट की तरह काम करता है और यह चेहरे के पोर के आकार को कम कर देता है जिससे चेहरे के पिंपल्स और कालापन को रोकता है। 

फंगल इंफेक्शन को रोकता है Neem ke fayde

यदि आपके पैरों में किसी भी प्रकार का इन्फेक्शन हो जाता है तब आप अपने पैर और शरीर के संक्रमित क्षेत्रों में सीधे नीम का पेस्ट, नीम का पाउडर या नीम का तेल लगा सकते हैं इसमें मौजूद कार्बनिक अवयव के एंटीफंगल प्रभाव बहुत ज्यादा होता है जिससे आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली और त्वचा सही रहता है। 

मधुमेह को नियंत्रित करने मे Neem ke fayde

इंडियन जर्नल आफ फिजियोलॉजी एंड फार्मोकोलॉजी में प्रकाशित एक शोध के अनुसार शरीर में इंसुलिन की कम मांग और नीम की खपत के बीच में एक संबंध को बताया है नीम में मौजूद रासायनिक घटक इन्सुलिन रिसेप्टर फंक्शन को अनुकूलित करता है और यह सुनिश्चित करता है कि शरीर को इंसुलिन की उचित मात्रा मिल सके जो डायबिटीज को बढ़ने से रोकता है इसके अतिरिक्त डायबिटीज के लिए इसका उपयोग इंसुलिन थेरेपी पर निर्भरता को कम करने के लिए किया जा सकता है। 

मलेरिया का इलाज मे Neem ke fayde

जर्मन में 2009 के एक शोध के अनुसार नीम एक प्राकृतिक मच्छर प्रतिकारक के रूप में काम करता है नीम के पत्ते मलेरिया के लक्षणों का प्रभावी रूप से इलाज कर सकता है और रोग के खतरे को कम करता है जबकि मलेरिया के साथ नीम का अधिक संबंध प्राकृतिक प्रतिरोधी के रूप में होता है जो मच्छरों को दोबारा बनाने में गैर विषैले और अत्यधिक प्रभावशाली है जो मलेरिया के मुख्य वैक्टर है। 

दांतों के रोग को दूर करने में लाभदायक

नीम का उपयोग प्राचीन काल से ही दांतो को साफ करने के लिए नीम की दातुन के रूप में उपयोग किया जाता है नीम की दातुन करने से दांत से संबंधित सभी रोग दूर दूर हो जाते हैं। 

पेट के कीड़ों को खत्म करता है Neem ke fayde

सब्जी बनाते समय नीम के 8-10 पत्तों को छौंक लगाकर खाने से पेट के कीड़े मर जाते हैं नीम के पत्तों का रस निकालकर 5 से 6 बूंद पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं। 

नीम दस्त में लाभदायक Neem ke fayde

नीम का उपयोग दस्त को दूर करने में भी किया जाता है प्रतिदिन सुबह 3-4 पक्की हुई निम्बोलियो को खाने से खूनी पेचिश ठीक हो जाता है और भूख अच्छी लगने लगती है नीम के पत्ते के साथ कपूर मिलाकर सेवन करने से हैजा रोग मे लाभदायक होता है। 

नीम पथरी को दूर करने में सहायक Neem ke fayde

नीम के पत्तों का उपयोग पथरी को दूर करने के लिए भी किया जाता है नीम के पत्तों का रस बनाकर कुछ दिन तक लगातार पानी के साथ सेवन करने से पथरी टूटकर बाहर निकल जाती है। 

नीम का उपयोग कई बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जा सकता है जैसे बुखार का इलाज, पेट में परेशानी, पेट के कीड़े, त्वचा के रोग और ह्रदय रोग इनके अलावा यदि नीम का रस सीधे सिर पर लगाया जाता है तो यह एंटीसेप्टिक गुणों के कारण सिर के जूं को नष्ट कर सकता है नीम के इसी प्रकार के अन्य कई सारे Neem ke fayde होते हैं। 

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पुछे जाने वाले प्रश्न 

प्रश्न 1. Neem ka Ped kis tarah labh pahunchata hai?

नीम का पेड़ एक अनोखा पेड़ है और इसकी पत्तियां पृथ्वी पर पाए जाने वाले सबसे जटिल पत्तियों में से एक है नीम के पेड़ में कई जैविक रूप में सक्रिय योगिक पाया जाता है जो कई बीमारियों को ठीक करने में दवाइयों के रूप में उपयोग किया जाता है। Neem ke fayde में नीम के पेड़ की सभी चीजें जैसे- तना की छाल, फल, फूल, पत्ते इन सभी का उपयोग किया जाता है इनकी जड़ी बूटियां बनाकर मानव स्वास्थ्य के लिए उपयोग किया जाता है। 

प्रश्न 2. नीम की तासीर क्या है?

नीम को उसके कडवेपन के कारण जाना जाता है भारत में नीम को सर्व रोग निवारिणी के नाम से भी जाना जाता है जिसका अर्थ होता है सभी रोगों को दूर करने वाला इसके अलावा नीम को एक और नाम से भी जाना जाता है और वह है अरिष्ठा जिसका अर्थ होता है बीमारियों से राहत देने वाला

प्रश्न 3. नीम की पत्ती कितने दिन तक खानी चाहिए?

नीम की कोमल पत्तियाँ सुबह खाली पेट दो – तीन महीने तक खाना चाहिये  नीम का सेवन करने से, डायबीटीज़ से छुटकारा पाया जा सकता है। लेकिन इसे सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए और बल्कि इसे खाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर ।

प्रश्न 4. नीम की पत्तियों को उबालकर पीने से क्या होता है?

नीम की पत्तियों को उबालकर पीने से आंतों और पेट के विकार बाहर निकल जाते हैं इसका एंटी-बैक्टीरियल गुण पेट के कीड़ों को नष्ट कर देता है प्रसव के वक्त होने वाली दर्द को कम करने के लिए नीम का पानी पीना फायदेमंद होता है. प्रसव के बाद भी इसका सेवन करने से खून साफ होता है और संक्रमण से बचाव होता है।

प्रश्न 5. नीम के पत्ते को कैसे खाना चाहिए?

नीम के कोमल पत्ते को तोड़कर साफ पानी मे धोकर 5-6 पत्तियों को अच्छी तरह से चबा चबाकर खाना चाहिये।

प्रश्न 6. चर्म रोग में नीम का उपयोग कैसे करें?

चर्म रोग मे नीम की पत्तियों को पानी मे उबाल कर नहाने से चर्म रोग जैसे दाद, खाज खुजली इसके अलावा सिर के जूं जड़ से खत्म हो जाता है।

प्रश्न 7. नीम का उपयोग किन बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है?

नीम का उपयोग कई बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जा सकता है जैसे बुखार का इलाज, पेट में परेशानी, पेट के कीड़े, त्वचा के रोग और ह्रदय रोग इनके अलावा यदि नीम का रस सीधे सिर पर लगाया जाता है तो यह एंटीसेप्टिक गुणों के कारण सिर के जूं को नष्ट कर सकता है.

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