कमजोरी के लक्षण क्या है? कमजोरी के कारण, प्रकार और इलाज

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आज के समय मे हर कोई अपने जीवन मे व्यस्त रहता है जिससे वह अपना ख्याल नही रख पता और फिर वह कमजोरी का शिकार हो जाता है, अगर आप भी ऐसा महसूस कर रहे है लेकिन आप को sarir me kamjori ke lakshan की जानकारी नही है तो यह पोस्ट आपके लिए ही है। जिसमे हम कमजोरी के प्रकार और इसके कारण क्या होते हैं, कमजोरी को दूर करने के उपाय क्या है, इस सभी के बारे मे विस्तार से बताएँगे। इसलिए पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें जिससे कि आप लोग भी kamjori ke lakshan के बारे में पूरी जानकारी को प्राप्त कर सकें।

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kamjori ke lakshan

Sarir me kamjori ke lakshan

कमजोरी से शरीर में थकावट बनी रहती है कभी-कभी ऐसा भी हो सकता है कि कमजोरी महसूस करने वाला व्यक्ति अपने शरीर के किसी हिस्से को ठीक से ना हिला सके और उस हिस्से में उठाना और झटका महसूस होता हो कुछ लोगों को हाथ व पैरों में कमजोरी महसूस होती है और कुछ लोगों को इनफ्लुएंजा, हेपेटाइटिस जैसे बैक्टीरियल संक्रमण या वायरल इन्फ़ैकशन के कारण पूरे शरीर में कमजोरी महसूस होती है। 

यह कमजोरी कुछ समय के लिए होती है कुछ मामलों में यह लंबे समय तक भी बनी रहती है कमजोरी का इलाज करने से पहले इसके कारण का पता लगाना चाहिए अगर किसी कारण का पता नहीं चलता है और उपचार से कोई लाभ नहीं मिलता है तब kamjori ke lakshan के आधार पर इलाज करना चाहिए। 

अगर कमजोरी ऐसे विकार के कारण पैदा हुई है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली स्वास्थ्य कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती है तब दवा का उपयोग करके कमजोरी का इलाज किया जा सकता है। 

कमजोरी के प्रकार | types of weakness in Hindi

कमजोरी के मुख्य रूप से दो प्रकार होते हैं-

  1. न्यूरोमस्कुलर कमजोरी (Neuromuscular weakness) – न्यूरोमस्कुलर कमजोरी में किसी दिक्कत या दुर्घटना के कारण मांसपेशियों की ताकत कम हो जाती है जिससे कि उनके कार्य करने की क्षमता में कमी आ जाती है। 
  2. नॉन न्यूरोमस्कुलर कमजोरी (Non-Neuromuscular weakness) – नॉन न्यूरोमस्कुलर कमजोरी में किसी काम को करते समय कमजोरी महसूस होती है जबकि मांसपेशियां बिल्कुल सामान्य स्थिति में होती हैं। 

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अगर शरीर के किसी भी हिस्से में कमजोरी महसूस होती है तब हो सकता है कि आप उस हिस्से को सही तरीके से हिला ना पाएं या फिर वह हिस्सा सही तरीके से काम ना कर पाए तब निम्नलिखित लक्षण देखने को मिल सकता है-

  • प्रभावित अंग से किसी कार्य को करने में देरी होना। 
  • प्रभावित अंग कापना व झटको का महसूस होना। 
  • मांसपेशियों में ऐंठन होना। 

पूरे शरीर मे कमजोरी होने से थकान महसूस होता है और ऐसा लगता है जैसे कि फ्लू हो गया हो कई मामलों में ऐसा होता है कि कि बिना थकावट के कमजोरी महसूस होती है पूरे शरीर में कमजोरी महसूस करने वाले कुछ लोगों में बुखार, फ्लू जैसे लक्षण और प्रभावित अंग में दर्द होता है। 

अन्य लक्षण

  • आंखों की रोशनी कम होना। 
  • बोलने और निगलने में कठिनाई होना। 
  • मानसिक स्थिति में परिवर्तन या उलझन होना। 
  • किसी भी काम को पुरा ना कर पाना। 
  • मांसपेशियों में ताकत महसूस ना होना। 
  • पूरे शरीर में कमजोरी होना बुखार का एक सामान्य लक्षण हो सकता है। 

अगर आपको यह लक्षण दिखाई दे तो डॉक्टर के पास जरूर जाएं

  • बोलने में परेशानी
  • चक्कर आना
  • सीने में दर्द
  • दिखाई देने में परिवर्तन होना
  • अनियमित दिल की धड़कन
  • सांस लेने में तकलीफ हो

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कमजोरी के कारण

कमजोरी कई कारणों से हो सकती है इसके कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं-

1. चिंता या डिप्रेशन

कमजोरी व थकान का मुख्य कारण चिंता या डिप्रेशन का होना होता है। 

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ज्यादातर मामलों में इसका इलाज नहीं हो पाता है इसका कारण यह है कि यह आसानी से पहचान में नहीं आता है बहुत ज्यादा चिंता करने या अवसाद में रहने से पीड़ित के जीवन और कार्यशैली पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। 

2. आलस व सुस्ती

जीवन शैली गतिहीन होने से और सुस्ती होने के कारण मांसपेशियां समय के साथ साथ कमजोर हो जाती है। 

3. उम्र का बढ़ना

जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है वैसे ही हमारी कोशिकाओं और ऊतकों की आपस में तालमेल रखने की क्षमता में कमी आ जाती है। 

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इस कारण से बुजुर्ग लोग कम सक्रिय होकर अपनी ऊर्जा को बचाने लगते हैं जब कोई व्यक्ति तनाव में होता है तो वह कमजोरी के लक्षणों को अनुभव करने लगता है। 

4. संक्रमण और लंबी चलने वाली बीमारियां

जब शरीर संक्रमण से लड़ता है तब शरीर में ऊर्जा की कमी होने लगती है शरीर में ज्यादा समय तक टीवी और हेपेटाइटिस जैसे इंफेक्शन होने के कारण पीड़ित को थकान रहने लगता है और इसका एक कारण यह है कि इन बीमारियों के चलते मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं इसी प्रकार शुगर और अनिद्रा जैसी बीमारी होने के कारण भी बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस होने लगती है। 

5. विटामिन की कमी

शरीर में विटामिन की कमी के कारण लाल रक्त कोशिकाओं के बनने में कमी आ जाती है जिसके कारण शरीर में ऊर्जा की कमी हो जाती है। 

कमजोरी के जोखिम कारक क्या होते हैं

कमजोरी के जोखिम कारक इस प्रकार हैं-

  • थायराइड
  • फ्लू
  • खून की कमी का होना
  • शुगर की बीमारी होना
  • नींद की कमी होना
  • हार्ट फेलियर
  • विटामिन b12 की कमी
  • कीमो थेरेपी
  • कैंसर
  • दवाइयों का साइड इफेक्ट होना
  • दिल का दौरा पड़ना
  • ज्यादा मात्रा में दवाई लेना
  • नसो या मांसपेशियों में चोट लगना
  • बहुत अधिक मात्रा में विटामिन ले लेना
  • जहर
  • स्ट्रोक

कैंसर से होने वाली कमजोरी समय के साथ धीरे-धीरे बढ़ती जाती है लेकिन हार्ट अटैक या स्ट्रोक से तुरंत कमजोरी होने लगता है। 

कमजोरी के बचाव के उपाय

कमजोरी से बचने के लिए निम्न उपायों को कर सकते हैं-

  • बहुत ज्यादा एक्सरसाइज या डाइटिंग ना करें। 
  • तंबाकू शराब बीड़ी सिगरेट आदि का सेवन करने से बचें। 
  • रात को भरपूर नींद लें। 
  • कैल्शियम और कम फैट वाले खाने को जो  प्रोटीन युक्त हो उसे अपने आहार में शामिल करें। 
  • पोषक तत्वों से भरपूर खाना खाए इससे शरीर में ऊर्जा बनी रहती है और थकान कम होता है। 
  • लगातार ज्यादा थकान महसूस होने पर मांसपेशियों में कमजोरी होने पर डॉक्टर के पास जरूर जाएं। 
  • दिन के सभी कामों को एक निश्चित समय पर करें एक्टिव रहें और थोड़ी बहुत एक्सरसाइज करें इससे कमजोरी से बचा जा सकता है। 
  • प्रतिदिन कम से कम आधा घंटा बाहर घूमे इससे दिमाग और शरीर को शांति मिलती है तनाव में कमी होती है और मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

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कमजोरी का इलाज

कमजोरी का सही तरीके से इलाज करने से पहले इसके कारणों का पता होना अति आवश्यक है इसके कुछ इलाज जो निम्नलिखित है 

  • संक्रमण के कारण हुई कमजोरी –  संक्रमण से लड़ने के लिए डॉक्टर के द्वारा बताई गई एंटीबायोटिक दवाइयों का उपयोग करके खोई हुई ऊर्जा को वापस पाया जा सकता है। 
  • डिप्रेशन के कारण हुई कमजोरी –  डिप्रेशन के कारण आई कमजोरी को दूर करने के लिए एंटीडिप्रेसेंट दवाओं का उपयोग करके थकान को दूर किया जा सकता है। 
  • विटामिन की कमी के कारण हुई कमजोरी  – सही तरीके से खाना ना पचने के कारण अपच हो जाता है इसको ठीक करने के लिए विटामिन दिया जाता है ज्यादा थकान विटामिन b12 और फोलेट की कमी के कारण होता है। 
  • ज्यादा काम करने के कारण हुई कमजोरी – अगर ज्यादा काम करने के कारण मांसपेशियों में कमजोरी महसूस होती है तो अपनी दिनचर्या को बदल कर इसको ठीक किया जा सकता है। 
  • स्वप्रतिरक्षित विकारों के कारण आई कमजोरी – ऐसी दवाई जो प्रतिरक्षा तंत्र को कमजोर होने से रोकती है कमजोरी का अच्छी तरह से इलाज कर सकती है। 

कमजोरी के लक्षण से संबन्धित पूछे जाने वाले सवाल 

शरीर में कमजोरी के लक्षण क्या होते हैं?

शरीर में कमजोरी के कई लक्षण होते है जैसे कि –
1. प्रभावित अंग से किसी कार्य को करने में देरी होना। 
2. प्रभावित अंग कापना व झटको का महसूस होना। 
3. मांसपेशियों में ऐंठन होना।
4. आंखों की रोशनी कम होना। 
5. बोलने और निगलने में कठिनाई होना। 
6. मानसिक स्थिति में परिवर्तन या उलझन होना। 
7. किसी भी काम को पुरा ना कर पाना। 
8. मांसपेशियों में ताकत महसूस ना होना। 
9. पूरे शरीर में कमजोरी होना बुखार का एक सामान्य लक्षण हो सकता है। 

थकान का सबसे बड़ा संकेत क्या है?

थकान का सबसे बड़ा संकेत सुस्ती, चक्कर आना, आंखो का भारी लगना यह सभी है। अगर आप भी ऐसा कुछ महसूस करते है तो खुद को थोड़ा आराम जरूर दें।

शरीर में कमजोरी महसूस हो तो क्या करें?

कमजोरी महसूस होने पर अधिक पानी पीना चाहिए या फिर मीठी चीज खानी चाहिए मीठा खाने से शरीर मे तुरंत एनेर्जी महसूस होने लगती है। इसके बाद डॉक्टर को दिखा लें।

अचानक गर्मी में हाथ और पैर कभी कभी ठंडे हो जाते हैं और कमजोरी और हल्का पसीना आने लगता है क्या कारण है?

अगर ऐसी कोई समस्या आप के साथ है तो संभावित है कि आप का BP low हो रहा है।
आप कोई भी मीठी चीज, फल, नींबू-पानी इन मे से किसी भी का सेवन करें आप को कुछ ही देर मे असर दिखाई देगा और फिर डॉक्टर के पास जाकर अपनी जाँच अवश्य कराये।

मासिक धर्म एक ही महीने में दो या दो से ज्यादा बार होता है पर ब्लडिंग बहुत कम होती है और कमजोरी महसूस होती है ऐसा किस कारण होता है 18-25 साल की उम्र में? 

ऐसा तब होता है जब शरीर मे खून की कमी हो जाती है या हार्मोन्स सही तरह से डेवलप नहीं हो पाते है अगर आप भी इस समस्या से परेशान है तो अपने खान-पान पर ध्यान रखे और जल्द ही डॉक्टर से संपर्क करे।

कमजोरी क्यों होती है?

कमजोरी के कई कारण हो सकते है जैसे नियमित रूप से अच्छा आहार न लेना, चिंता व तनाव मे रहना, बढ़ती उम्र, विटामिन की कमी और किसी लंबी गंभीर बीमारी से आप कमजोरी महसूस करने लगते है।

निष्कर्ष

हमें पूर्ण आशा है कि इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद  kamjori ke lakshan से संबन्धित सभी जानकारी आपको मिल गई होगी और आपको काफी पसंद आया होगा और आपके लिए उपयोगी भी साबित होगा अगर आपको यह पोस्ट पसंद आया हो तो कमेंट करके जरूर बताएं और अपने दोस्तों और परिजनों के साथ शेयर जरूर करें। पोस्ट के अंत तक बने रहने रहने के लिए आप का धन्यवाद।

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