Plastic kya hai | प्लास्टिक कैसे बनता है और इसके प्रकार

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हेलो दोस्तों आज की इस पोस्ट में प्लास्टिक के बारे में जानकारी देने वाले हैं Plastic kya hai? प्लास्टिक एक लंबे समय तक टिकने वाला वस्तु है जिसे आसानी से नष्ट नहीं किया जा सकता इसी लिए यह पर्यावरण के लिए नुकसानदायक होता है क्यूकी इसका इस्तेमाल कर लोग जगह जगह पर फेक देते है। लेकिन क्या आप ने कभी सोचा है कि प्लास्टिक कैसे बनाया जाता है, प्लास्टिक कितने प्रकार का होता है प्लास्टिक के बारे में पूरी जानकारी इस पोस्ट में आप लोगों को मिलने वाली है अगर आप प्लास्टिक के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इसे अंत तक जरूर पढ़ें आइए जानते हैं Plastic kya hai

Plastic kya hai | प्लास्टिक कैसे बनता है और इसके प्रकार

 

Plastic kya hai | प्लास्टिक क्या है

Plastic हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन गया है हमारे हर जरूरत का सामान खिलौने यह सभी Plastic की बनी होती है हम सब जानते हैं प्लास्टिक हमारे पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचाता है फिर भी हम इससे दूर नहीं रह सकते हैं और इसका इस्तेमाल हर दिन करते हैं दुनिया भर में शायद ही ऐसा कोई घर या ऑफिस होगा जहां पर प्लास्टिक का उपयोग ना किया जाता हो।

  • Plastic kya hai इसे संक्षेप में कहा जाए तो Plastic एक तरह का पॉलीमर है जो कई पदार्थों से मिलकर बना होता है।
  • इसे हम गर्म करके और दबाव डालकर अपने आवश्यकता अनुसार मनचाहे किसी भी आकार में बदल सकते हैं।
  • जब भी Plastic के सामान बनाया जाता है तब यह मटेरियल प्रोसेस होने के पहले कठोर अवस्था में होता है इसे जब गर्म किया जाता है तब यह पिघल कर तरल अवस्था में आ जाता है इसके बाद इसे सांचे में डाला जाता है जब यह ठंडा हो जाता है तब यह वापस ठोस अवस्था में हो जाता है।

प्लास्टिक का इतिहास | history of plastic

  • पहले सिंथेटिक Plastic सेल्यूलोज से बनाया गया था जिसे प्राकृतिक रूप से पेड़ पौधों से निकाला जाता था जब सेल्यूलोज को अलग-अलग प्रकार के केमिकल के साथ गर्म किया गया तब यह एक नए मटेरियल के रूप में प्राप्त हुआ जो ज्यादा टिकाऊ और मजबूत था।
  • Plastic की खोज सर्वप्रथम 1855 में ब्रिटिश रसायन वैज्ञानिक एलेग्जेंडर पारकर ने किया था और यह खोज का नाम परकेसिन दिया गया इसी परकेसिन को आज हम सेल्यूलाइड के नाम से जानते हैं।
  • इसके बाद सन 1872 में जर्मन रसायन वैज्ञानिक यूजेन बाऊ मैन ने पॉली विनाइल क्लोराइड का बहुलक बनाया था।
  • फिर 1907 में बेल्जियम अमेरिकी के रसायनिक वैज्ञानिक ने पहला वास्तविक Plastic बेकलाइट का बड़े स्तर पर निर्माण किया।
  • इसके बाद सन् 1930 में एथिलीन और प्रोपिलीन से पॉलिथीन और पाली प्रोपिलीन का निर्माण किया गया था इस समय मानव निर्मित रवर और धागा भी बनाया जाने लगा था।
  • प्लास्टिक उद्योग में विकास सन 1960 में शुरू हुआ और 1973 में प्लास्टिक उद्योग अपने चरम स्तर पर पहुंच गया जो आज भी यह विकास क्रम जारी है।

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प्लास्टिक की केमिस्ट्री

  • Plastic के अणु एक दूसरे से जुड़े हुए रहते हैं जिसे हम पॉलीमर कहते हैं बहुत से प्लास्टिक के नाम पाली शब्द से शुरू होता है वह इसी कारण से होता है जैसे पालीएथिलीन, पॉलीस्टीरीन व पॉलिप्रोपिलीन इत्यादि। 
  • यह ज्यादातर हाइड्रोकार्बन से मिलकर बना होता है इसके अलावा भी इसमें बहुत से केमिकल का उपयोग किया जाता है।
  • Plastic के रॉ मटेरियल को बहुत से प्रोसेस के बाद बनाया जाता है जैसे कंप्रेशन, एक्सट्रीशन, कास्टिंग और ब्लोन प्रोसेस का उपयोग करके किसी भी आकार में डाला जा सकता है। 

प्लास्टिक के प्रकार | types of plastic

प्लास्टिक मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं-

  1. थर्मोप्लास्टिक (Thermoplastics)
  2. थर्मोसेटिंग प्लास्टिक (Thermosetting Plastics)

थर्मोप्लास्टिक (Thermoplastics)

इस प्रकार के प्लास्टिक को गर्म करके आवश्यकता के अनुसार किसी भी आकार में ढाला जा सकता है जैसे पॉलिथीन पॉलिप्रोपिलीन व पाली विनाइल क्लोराइड आदि इन्हें दोबारा फिर से उपयोग किया जा सकता है। 

थर्मोसेटिंग प्लास्टिक (Thermosetting Plastics)

इस प्रकार के प्लास्टिक को गर्म करके सेट कर दिया जाता है इनका उपयोग दोबारा नहीं किया जाता है जैसे यूरिया फॉर्मेल्डिहाइड पालीयूरेथेन आदि। 

उपयोग के आधार पर प्लास्टिक के प्रकार

उपयोग के आधार पर प्लास्टिक दो प्रकार के होते हैं-

  1. कम घनत्व वाले प्लास्टिक
  2. उच्च घनत्व वाले प्लास्टिक

कम घनत्व वाले प्लास्टिक – पॉलिथीन एलडीपीई एक कम घनत्व वाला प्लास्टिक है इनका उपयोग कम वजन उठाने के लिए किया जाता है जैसे कवरिंग मटेरियल व कैरी बैग आदि। 

उच्च घनत्व वाले प्लास्टिक– ज्यादा वजन उठाने के लिए तथा कंटेनर बनाने के लिए इनका उपयोग किया जाता है इसके अंतर्गत आने वाले प्लास्टिक हैं पॉलिथीन एचडीपीई, पाली विनायल क्लोराइड, पी वी सी पॉलिप्रोपिलीन, पीपी पाली स्टायरीन आदि इन प्लास्टिक को दोबारा यूज किया जा सकता है। 

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प्लास्टिक कैसे बनाया जाता है

  • प्लास्टिक बहुलीकरण तथा संघनन की अभिक्रिया के द्वारा बनाया जाता है बहुलीकरण वह प्रक्रिया होती है जिसमें एक ही पदार्थ के या अलग-अलग पदार्थ के बहुत से अणु मिलकर बहुलक बनाते हैं बहुलक का अणुभार पदार्थ के अणु भार के गुणक के बराबर होता है। 
  • संघनन वह प्रक्रिया होती है जिसमें एक या अलग-अलग पदार्थ के दो या दो से अधिक अणु आपस में क्रिया करके या मिलकर के बहुलक बनाते हैं। 
  • अलग-अलग पदार्थों का उपयोग करके कई प्रकार के प्लास्टिक को बनाया जाता है जिसका उपयोग आवश्यकता के अनुसार किया जाता है। 

प्लास्टिक पदार्थों का निर्माण कई प्रकार से किया जाता है जैसे-

  • पॉलीएथिलीन
  • पॉलिप्रोपिलीन
  • पाली स्टायरीन
  • पाली विनाइल क्लोराइड
  • पाली टेट्राफ्लोरो एथिलीन या टेफलॉन
  • पाली एमाइड
  • पॉली विनाइल एसिटेट

पॉलीएथिलीन 

ज्यादा गर्म करने पर और दवा देने पर एथिलीन के अणु आपस में मिलकर पॉलीथिन के बहुलक बनाते हैं यह दो प्रकार के होते हैं-

  •  कम घनत्व वाली पॉलिथीन 
  • उच्च घनत्व वाली पॉलिथीन

कम घनत्व वाली पॉलिथीन – इस प्रकार की पॉलिथीन पतली व हल्की वजन वाली होती है इनका उपयोग हल्के थैला, पैकिंग सीट आदि बनाने में किया जाता है। 

उच्च घनत्व वाली पॉलिथीन – इस प्रकार की पॉलिथीन थोड़ा ज्यादा मोटी और भारी होती है इनका उपयोग शॉपिंग बैग, पानी की बोतल का ढक्कन, चम्मच, रैपर, सिगरेट, बटचाय, कॉफी के कप आदि बनाने में किया जाता है। 

पाली प्रोपिलीन

  • ज्यादा गर्म और जवाब देने पर प्रोपेन के अणु आपस में मिलकर के पाली प्रोपिलीन बनाते हैं। 
  • इनका उपयोग इंजेक्शन की सिरिंज पैकिंग का सामान, फर्नीचर, ऑटोमोबाइल पार्ट्स, बोतल व अन्य घरेलू सामान बनाने में किया जाता है। 

पाली विनाइल क्लोराइड (पीवीसी)

  • अत्यधिक ज्यादा ताप और दाब पर विनाइल क्लोराइड के अणु आपस में मिलकर पॉली विनाइल क्लोराइड बनाते हैं। 
  • इनका उपयोग पाइप, दरवाजा, खिड़की, नल की टोटी आदि बनाने में किया जाता है। 

पाली स्टायरीन 

  • ज्यादा ताप और दबाव देने पर फिनायल, मैथिली के हम आपस में मिलकर पॉलिस्टायरीन बनाते हैं। 
  • इनका उपयोग ज्यादातर किचन के बर्तन बनाने में किया जाता है। 

पाली विनाइल एसीटेट

  • ज्यादा ताप और दाब पर यह विनाइल एसीटेट के अनु आपस में मिलकर पॉली विनाइल एसीटेट का निर्माण करते हैं। 
  • इनका उपयोग फिल्म बनाने में किया जाता है। 

पाली टेट्राफ्लोरोएथिलीन या टेफलॉन

अत्यधिक ज्यादा ताप और दबाव पर टेट्राक्फ्लोरो एथिलीन के आपस में मिलकर पाली टेट्रा क्लोरो एथिलीन का निर्माण करते हैं। 

पाली एमाइड

  • पाली एमाइड का निर्माण एसिटिक एसिड और हैग्जा मैथिलीन डाई एमीन के अणु संघनन क्रिया से बनता है
  • इनका उपयोग साइकिल की सीट जूते का शोरूम पाइप आदि बनाने में किया जाता है। 

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पुछे जाने वाले प्रश्न 

प्रश्न 1. प्लास्टिक क्या है समझाइए?

प्लास्टिक एक तरह का पॉलीमर है जो कई पदार्थों से मिलकर बना होता है इसे हम गर्म करके और दबाव डालकर अपने आवश्यकता अनुसार मनचाहे किसी भी आकार में बदल सकते हैं।

प्रश्न 2. प्लास्टिक के 2 प्रकार कौन से हैं?

प्लास्टिक मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं-
1. थर्मोप्लास्टिक
2. थर्मोसेटिंग प्लास्टिक

प्रश्न 3. प्लास्टिक से क्या क्या हानि होता है?

प्लास्टिक को बनाने मे उपयोग किया जाने वाला रसायन शरीर के लिए बहुत ही हानिकारक है। प्लास्टिक के उपयोग से सीसा, कैडमियम और पारा जैसे रसायन सीधे शरीर के संपर्क में आते हैं। यह जहरीले पदार्थ कैंसर, जन्मजात विकलांगता, रोग प्रतिरोधक छमता और बचपन में बच्चों के विकास को प्रभावित करता है।

प्रश्न 4. विद्युत उपकरणों में प्लास्टिक का उपयोग का क्या कारण है?

विद्युत उपकरणों में प्लास्टिक का इस्तेमाल करने का कारण यह है कि प्लास्टिक विद्युत का कुचालक होता है। इसका मतलब यह है विद्युत की धारा प्लास्टिक मे प्रवाहित नहीं हो सकती, इसलिए विद्युत उपकरणों मे प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाता है ताकि विद्युत उपकरणों का इस्तेमाल करते समय यह एक सुरक्षा कवच की तरह काम कर सके।

निष्कर्ष

इस पोस्ट में आप लोग यह जाना कि Plastic kya hai प्लास्टिक कैसे बनता है इनका उपयोग किन-किन सामानों को बनाने में किया जाता है इसके बारे में विस्तार से आपको जानकारी मिल गई होगी और कुछ नया जानने को मिला होगा हमें विश्वास है कि यह पोस्ट आपको काफी ज्यादा पसंद आई होगी कमेंट करके जरूर बताएं की यह पोस्ट आपको कैसी लगी और अपने दोस्तों और परिजनों के साथ शेयर जरूर करें और ऐसे जानकारी के लिए सब्सक्राइब करे और बेल आईकॉन को दबाकर सब्सक्राइब जरूर करें। 

धन्यवाद!

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